अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण, हाईकोर्ट का आदेश और शिक्षा विभाग का रवैया - MP NEWS

मध्य प्रदेश सरकार में कोई भी अतिथि शिक्षकों के प्रति संवेदनशील नहीं है। एक तरफ स्कूल शिक्षा मंत्री उन्हें बाहरी और अतिक्रमणकारी बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सहानुभूति पूरा विचार करने के लिए तैयार नहीं है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि, 15 साल का अनुभव वाले अतिथि शिक्षक, जिन्होंने पात्रता परीक्षा पास कर ली है, उनके अभ्यावेदन पर पुनर्विचार करें। आयुक्त ने सबके अभ्यावेदन निरस्त कर दिया। लिखा है कि 15 साल के अनुभव और पात्रता परीक्षा पास करने से क्या होता है। हम तो सिर्फ चयन परीक्षा का रिजल्ट मानते हैं। दिनांक 23 सितंबर 2024 को MPEDUCATION PORTAL एवं GFMS PORTAL पर 05 याचिकाकर्ताओं के लिए आदेश जारी कर नियमितीकरण का रास्ता बंद कर दिया है।
 

सिर्फ चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक नियुक्ति का प्रावधान

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा बताया गया कि, हाई कोर्ट के आदेश के अनुक्रम में याचिकाकर्ताओं द्वारा अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें बताया कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण है। डीएड बीएड डिग्री होल्डर है। 3 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक का अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन का अनुभव है। भारत के अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों की सेवाओं को नियमित कर दिया गया है, इस आधार पर हमारी सेवाएं भी नियमित की जाए। शिल्पा गुप्ता आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा बताया गया कि, मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम 01.12.2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निम्नानुसार प्रावधान है। नियम -8 के उप नियम (5) में शिक्षक पात्रता परीक्षा के उपरांत शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रावधान है।

अतिथि शिक्षक कोटे के पद भी अन्य अभ्यर्थी की नियुक्ति कर सकते हैं

नियम 11 उपनियम 7 ख (चार) में अतिथि शिक्षको के लिए निम्नानुसार प्रावधान है -"शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियों अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं 200 दिवस म.प्र. शासन द्वारा संचालित शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया गया है। परन्तु अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जायेगा।"

याचिकाकर्ताओं द्वारा अपने अभ्यावेदन के साथ प्रस्तुत संचालनालय के पत्र क्रंमाक / रामाशिअ / अतिथि शिक्षक/2019/2868 भोपाल दिनांक 11/09/2019 प्रस्तुत किया गया है, जिसमें भी यह उल्लेखित है, कि शिक्षक भर्ती हेतु आयोजित परीक्षा में 25 प्रतिशत पद अतिथि शिक्षकों हेतु आरक्षित किये गये हैं। इसी अनुसार कार्यवाही की जाती है। उक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है, कि अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित किए जाने का कोई प्रावधान / नियम नहीं है। अतिथि शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर प्रवर्गवार मेरिट क्रम में नियुक्ति किए जाने का प्रावधान है। अतः उपरोक्त तथ्यों के आधार पर याचिकार्ताओं के अभ्यावेदन अमान्य कर प्रकरण निराकृत किया जाता है।

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