मध्य प्रदेश मौसम, सभी अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त: मुख्यमंत्री - MP NEWS

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राजधानी में आज इमरजेंसी मीटिंग कॉल की और उसके बाद सभी अधिकारी और कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई है। यह आदेश मौसम के सामान्य होने तक लागू रहेगा। 

मध्य प्रदेश मानसून के कारण सभी जिलों में हाई अलर्ट

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देशित किया है कि, जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं, उन्हें हेलिकॉप्टर की सहायता से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर महीने में जितनी बारिश होनी चाहिए, उससे अधिक हो रही है। अत्यधिक बारिश के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसलिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं। गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में बाढ़ के हालातों को लेकर आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में बाढ़ के हालातों से निपटने और बचाव के लिए जारी कार्यों की समीक्षा की। समत्व भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों की स्थिति की समीक्षा के दौरान सभी संभागीय आयुक्त, आईजी, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी बैठक से जुड़े।

साथ ही, सीएस वीरा राणा, एसीएस मुख्यमंत्री डॉ राजेश राजौरा, डीजीपी, डीजी होमगार्ड, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव जल संसाधन, गृह विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व विभाग, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनसंपर्क विभाग समत्व भव में बैठक में मौजूद रहे।

मध्य प्रदेश मौसम - मुख्यमंत्री के सभी कलेक्टर को निर्देश

  1. निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए।
  2. जलभराव और बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया जाए।
  3. जिन रपटों और पुलों पर पानी है वहां तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए।
  4. जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलिकॉप्टर की सहायता से एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की जाए।
  5. पुराने जीर्णशीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
  6. जनहानि और पशु हानि पर राहत राशि देने के निर्देश।

मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि अत्यधिक बारिश के कारण हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाएगी। यादव ने सभी कलेक्टरों को जनहानि की स्थिति में चार-चार लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा कर कलेक्टरों को तत्काल राशि परिजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

रेस्क्यू टीमें लगातार एक्टिव, जहां अलर्ट वहां तत्पर रहे अमला

समीक्षा बैठक में सीएम यादव ने सम्बन्धित विभागों को उच्च प्राथमिकता और पूर्ण संवेदनशीलता के साथ राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि हमारी रेस्क्यू टीमें दिन-रात क्रियाशील हैं, ताकि प्रभावितों लोगों तक समय पर मदद पहुंच सके। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किये गये हैं, वहां जिला प्रशासन तत्परता से काम करे, कोई जनहानि न हो, यह तय करें। 

निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर माह में जितनी वर्ष होनी चाहिए उससे अधिक हो रही है। निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकता अनुसार उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन रपटों और पुलों पर पानी है, वहाँ तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अति वर्षा के प्रभाव से हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टरों को जनहानि की स्थिति में चार-चार लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा कर कलेक्टरों को तत्काल राशि परिजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 

बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने  की तत्काल व्यवस्था की जाए। पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। समत्व भवन में हुई बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना सहित, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा उपस्थित थे।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में सक्रिय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गुना, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, राजगढ़, टीकमगढ़ के कलेक्टर से जिले में अति वर्षा और बाढ़ संबंधी जानकारी प्राप्त की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अवगत कराया गया कि दतिया जिले के भांडेर के निकट पोहुच नदी में 18 लोग फंसे हैं, डबरा में भी लोगों के पानी में फंसे होने की सूचना है। मुरैना में पेड़ के नीचे दबने से एक व्यक्ति की मृत्यु और तीन लोगों के घायल होने का समाचार है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए झांसी, बरेली और गोरखपुर से हेलीकॉप्टरों को रवाना किया जा रहा है। टीकमगढ़ में बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम बुला ली गई है। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम बोट व अन्य बचाव सामग्री के साथ सक्रिय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आगामी दिनों में वर्षा की संभावनाओं को देखते हुए बाढ़ की पूर्व सूचना और प्रचार-प्रसार की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भंडारण के निर्देश दिए। 

अब तक प्रदेश में औसत से 14 प्रतिशत अधिक हुई वर्षा

बैठक में बताया कि प्रदेश में 11 सितम्बर तक 991.9 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है यह औसत से 14 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 12 जिलों राजगढ़, खरगोन, भोपाल, सिवनी, मंडला, भिंड, श्योपुर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, शिवपुरी, सिंगरौली, नीमच, अलीराजपुर, ग्वालियर और गुना में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आगामी 2 दिनों में भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है। इसके बाद वर्षा में कमी की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा भिंड, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर कला, आगर-मालवा, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी और राजगढ़ में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 54 में से 31 बांधों के गेट खुले हैं। विभिन्न जिलों में राहत शिविर संचालित हैं। 

भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सहित सावधानी बनाए रखने के लिए दिए निर्देश

बैठक में नदियों, बांधों और जलाशयों के जल स्तर पर लगातार नजर रखने, बचाव के लिए आवश्यक सामग्री, राहत शिविरों की उचित व्यवस्था, जिन शालाओं के भवन जीर्ण-शीर्ण हैं, उन्हें चिन्हित करते हुए बच्चों की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने, गणेश पंडालों तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक और भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सुनिश्चित करने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, पर्याप्त दवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए। आगामी दिनों में भी वर्षा की संभावना को देखते हुए अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन स्थलों पर प्रकाश, नाव, गोताखोरों, चिकित्सा दल, साफ-सफाई, बचाव दल की व्यवस्था करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने के लिए भी जिले के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया।

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