BNS 229 - मिथ्या साक्ष्य देने और गढने वाले व्यक्ति को कितना दण्ड मिलता है, जानिए

मिथ्या साक्ष्य (False Evidence) का अर्थ है झूठा या असत्य साक्ष्य जो किसी व्यक्ति को अपराधी साबित करने या कानूनी निर्णय को प्रभावित करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है।
 मिथ्या साक्ष्य के प्रकार:
1. झूठा बयान: कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा बयान देता है।
2. झूठा दस्तावेज: कोई व्यक्ति झूठा दस्तावेज बनाता है।
3. झूठा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड: कोई व्यक्ति झूठा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाता है।
4. झूठा शपथ पत्र: कोई व्यक्ति झूठा शपथ पत्र बनाता है।
5. झूठा गवाही: कोई व्यक्ति झूठी गवाही देता है।

मिथ्या साक्ष्य के उदाहरण:

1. अदालत में झूठा बयान देना।
2. पुलिस को झूठा बयान देना।
3. झूठा दस्तावेज बनाना।
4. झूठा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाना।
5. झूठा शपथ पत्र बनाना।

मिथ्या साक्ष्य के परिणाम:

1. अपराधी को सजा से बचना।
2. निर्दोष व्यक्ति को सजा मिलना।
3. कानूनी निर्णय को प्रभावित करना।
4. न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता को कम करना।

THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023, SECTION 229 PROVISION OF PUNISHMENT

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की डारेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी लेकिन पुलिस NCR लिख सकती है एवं इस अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद भी लगाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह समझोते योग्य नहीं है अर्थात्‌ राजीनामा नहीं किया जा सकता है।
 झूठा साक्ष्य देने एवं गढने के अपराध के दण्ड को दो भागों में बांटा गया है:- 
1. न्यायिक कार्यवाही में झूठा साक्ष्य देने वाले एवं गढने वाले व्यक्ति को अधिकतम सात वर्ष की कारावास और दस हजार रुपये जुर्माना तक लिया जा सकता है एवं सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी।
2. किसी अन्य मामलों मे न्यायिक कार्यवाही को छोड़ कर झूठा साक्ष्य देने वाले एवं गढने वाले व्यक्ति को अधिकतम तीन वर्ष की कारावास और पाँच हज़ार रुपये जुर्माना तक लिया जा सकता है एवं सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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