जब कोई संक्रमण रोग बहुत तेजी से हवा द्वारा फैल रहा होता है तब संक्रामक रोग कंट्रोल करने के लिए सरकार क्वारंटाइन नियम लागू करती है। जैसे कोविड-19 के समय लागू किए गए थे। संक्रमित व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों से दूर रखा गया था एवं उन्हें एक स्थान पर क्वारंटाइन कर दिया गया था। अगर कोई व्यक्ति इन क्वारंटाइन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ एक संगीन अपराध बन सकता है जानिए:-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 273 की परिभाषा
अगर शासन द्वारा संक्रमित रोग फैलने की दशा में किसी जलयान को, किसी सार्वजनिक या लोक स्थान आदि को, क्वारंटाइन एरिया घोषित किया गया है एवं कोई व्यक्ति जानबूझकर वहां से निकलता है या शासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन नहीं करता है तब उस व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 273 के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 273 PROVISION OF PUNISHMENT
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं होगी लेकिन पुलिस थाने से NCR लिखी जा सकती है। इस अपराध के लिए न्यायलय में परिवाद दायर किया जा सकता है एवं आरोपी को जमानत न्यायालय से मिलेगी। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह समझोते योग्य नहीं है अर्थात् राजीनामा नहीं किया जा सकता है।
इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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