आरक्षण का लाभ उन लोगों तक तो पहुंच ही नहीं पा रहा है जिनके लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया था। मध्य प्रदेश में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षक से लेकर मंत्री तक के मामले सामने आ रहे हैं। हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें डॉक्टर मोहन यादव सरकार के मंत्री गौतम टेटवाल पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र का आरोप लगाया गया है। दावा किया है कि वह OBC हैं लेकिन SC के लिए आरक्षित सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और मंत्री बन गए।
सिर्फ सरकारी नहीं कांग्रेस का भी संरक्षण मिला
श्री गौतम टेटवाल, सारंगपुर विधानसभा सीट से विधायक है। यह क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के सबसे पावरफुल नेता श्री दिग्विजय सिंह के व्यक्तिगत प्रभाव वाला क्षेत्र है। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने गौतम टेटवाल के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की। भारतीय जनता पार्टी, अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र मालवीय ने शिकायत की तो सरकार ने एक छानबीन समिति बना दी और समिति ने शिकायत को गलत घोषित करके गौतम टेटवाल को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी ने कोई आवाज नहीं उठाई। अंत में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ने ही हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
किस आधार पर कह रहे हैं कि सर्टिफिकेट फर्जी है
श्री गौतम टेटवाल के पिता श्री हजारीलाल टेटवाल शासकीय शिक्षक रहे हैं। उन्होंने स्वयं को OBC बताया था जो उनके सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज है। श्री गौतम टेटवाल की बेटे के साथ हुई मारपीट के एक मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ SCST ACT के तहत मामला दर्ज कर लिया था। आरोपी ने कोर्ट में इस बात के सबूत पेश किया कि श्री गौतम टेटवाल का पुत्र अनुसूचित जाति का नहीं है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सबूत का परीक्षण किया और एट्रोसिटी एक्ट का मामला खारिज कर दिया। कोर्ट में साबित हुआ कि श्री गौतम टेटवाल का बेटा OBC कैटेगरी में है। याचिकाकर्ता जितेंद्र मालवीय का कहना है कि जब श्री गौतम टेटवाल के पिता OBC, बेटा OCB तो फिर श्री गौतम टेटवाल की श्रेणी अनुसूचित जाति कैसे हो सकती है।
सबूत तो और भी है
1. गौतम टेटवाल ने आदर्श ग्रुप माध्यमिक विद्यालय सारंगपुर में वर्ष 1969 में कक्षा एक में प्रवेश लिया था और 1978 तक पढ़ाई की। इस दौरान के स्कॉलर रजिस्टर में इन्हें पिछड़ा वर्ग जाति का विद्यार्थी बताया गया है।
2. एक्सीलेंस स्कूल के प्रिंसीपल की तरफ से 12 जून 2007 को दिए गए प्रमाण के अनुसार गौतम टेटवाल की जाति जीनगर है। जो पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आती है। यही डॉक्यूमेंट उन्होंने अपने विधानसभा चुनाव में भी लगाया है।
भोपाल के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री भीम सिंह मीणा ने इस मामले में 10 दिन पहले श्री गौतम टेटवाल से उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी। उसे समय श्री गौतम टेटवाल ने कहा था कि, सरासर गलत आरोप है। मुझे तो छानबीन समिति से क्लीनचिट मिल गई है। सिर्फ राजनीतिक षडयंत्र के तहत मुझे फंसाने का प्रयास है। मैं आपको दस्तावेज उपलब्ध करवा दूंगा, लेकिन 10 दिन हो गए श्री गौतम टटवाल ने कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया और ना ही इस शिकायत के खिलाफ किसी दूसरे माध्यम से अपना पक्ष जनता के सामने रखा।
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