उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश भोपाल से प्राप्त हुई एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि, CEDMAP BHOPAL में कर्मचारियों का एक ऐसा सिंडिकेट काम कर रहा था, जो न केवल वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त था बल्कि, किसी दूसरे को भी काम नहीं करने देता था। यहां तक की जब श्रीमती अनुराधा सिंघई की कार्यकारी संचालक के पद पर नियुक्ति हुई तो, उनके खिलाफ भी गई साजिश की गई। अनुराधा अपनी नियुक्ति के दिनांक से ही संघर्ष कर रही है। दिनांक 22 जुलाई को उनकी एक और साजिश विफल हो गई है।
कर्मचारियों के सिंडिकेट द्वारा अनुराधा को प्रताड़ित किया गया
उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश से प्राप्त हुई प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि रिट पिटीशन नंबर 29833/2023 पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा फैसला सुना दिया गया है। इस याचिका में श्रीमती अनुराधा सिंघई को पद के अयोग्य बताया गया था और उनकी नियुक्ति निरस्त करने की मांग की गई थी। CEDMAP BHOPAL ने दावा किया है कि, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज कर दिया गया। प्रेस विज्ञप्ति में विस्तार से बताया गया है कि कर्मचारियों के सिंडिकेट द्वारा श्रीमती अनुराधा को किस प्रकार से प्रताड़ित किया गया। यह भी बताया गया है कि, हाई कोर्ट केस फैसले से उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश भोपाल में खुशी का माहौल है और कर्मचारी जश्न मना रहे हैं।
कुछ सवाल जो शेष हैं
- प्रेस विज्ञप्ति के साथ हाई कोर्ट के डिसीजन की कॉपी नहीं भेजी गई।
- उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश द्वारा याचिकाकर्ताओं के नाम नहीं बताए गए।
- यह तो बताया गया कि कर्मचारियों का सिंडिकेट सिस्टम पर कितना हावी था परंतु यह नहीं बताया गया कि सिंडिकेट के कर्मचारी अब कहां पर हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
- प्रेस विज्ञप्ति में यह तो बताया जा रहा है कि इस फैसले से उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश भोपाल में खुशियां मनाई जा रही है परंतु इसके समर्थन में कोई फोटो या वीडियो जारी नहीं किया गया।
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