सदस्यों को चुनना उनकी सूची बनाना एवं शपथ ग्रहण तक का काम एक अच्छे मूल्यांकनकर्ता का है। ऐसे में कोई व्यक्ति स्वयं को मूल्यांकनकर्ता बताकर उपरोक्त कार्य कर देता है तब उसके खिलाफ़ क्या कार्यवाही हो सकती है जानिए-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 268 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति यह जानता है कि वह सदस्य चुनने, सूचीबद्ध किए जाने या शपथ लिए जाने के लिए कानून द्वारा हकदार नहीं है, जानबूझकर, स्वयं को मूल्यांकनकर्ता के रूप में सदस्य चुनने, पैनल में शामिल करने या शपथ लेने का कार्य करेगा गया है, एवं स्वेच्छा से ऐसे मूल्यांकनकर्ता के रूप में काम करेगा, वह व्यक्ति BNS की धारा 268 के अंतर्गत दोषी होगा।
👉🏻 साधारण शब्दों में, स्वयं को मूल्यांकनकर्ता बताकर उसका कार्य करने वाले व्यक्ति को इस धारा के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा।
विशेष नोट:- भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 229 में जूरी सदस्यों के प्रतिरूप के अपराध को हटाकर इस धारा का समावेश किया गया है।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 268 PROVISION OF PUNISHMENT
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात इस अपराध में पुलिस डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती है लेकिन NCR काट सकती है। इस अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद लगाया जाना अतिआवश्यक है। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं अर्थात इस अपराध ने राजीनामा नहीं किया जा सकता है।
सजा:- इस अपराध से दण्डित अपराधी को दो वर्ष के कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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