मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा, जबलपुर के योगेंद्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि कौशल विकास संचालनालय का मुख्यालय मध्य प्रदेश के गठन वर्ष 1956 से जबलपुर में है लेकिन संचालनालय के सभी काम भोपाल में स्थित गोविंदपुरा आईटीआई से हो रहे हैं। इस कार्यालय के अधिकारी 6-6 माह जबलपुर नहीं आते संचालक, अतिरिक्त संचालक, संयुक्त संचालक ,कुछ कर्मचारियों ने जबलपुर में पदस्थगी होने पर भी भोपाल में सरकारी आवास आवंटित करवा लिए है।
जबलपुर भोपाल अप डाउन में करोड़ों का खर्चा
कौशल विकास संचालनालय कार्यालय से 250 शासकीय आई टी आई तथा 1500 प्राइवेट आई टी आई के कार्य संचालित होते है। मूल पदस्थापना जबलपुर में होने के कारण इन अधिकारियों और कर्मचारियो का वेतन यहीं से निकल रहा है, लेकिन कार्य राजधानी में कर रहे। मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने बताया है कि 2012 से लेखाधिकारी संयुक्त संचालक वित्त अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ द्वारा जबलपुर से भोपाल आने जाने के नाम पर करोड़ों रुपए का TA-DA बिल निकाला जा चुका है।
मध्य प्रदेश गठन में जबलपुर के हिस्से क्या आया था
मध्य प्रदेश के गठन वर्ष 1956 से 4 प्रदेश स्तर के मुख्यालय जैसे मध्य प्रदेश विद्युत् मंडल, होम गार्ड मुख्यालय, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट तथा कौशल विकास संचालनालय जबलपुर को दिया गए है। कौशल विकास संचालनालय मध्य प्रदेश जबलपुर में 1955 से स्थित है। यह औधौगिक प्रशिक्षण संस्थाओं का प्रदेश स्तर का मुख्यालय है। इस कार्यालय के समस्त महत्वपूर्ण अनुभागो जैसे परीक्षा विभाग, अफिलाशन विभाग, योजना विभाग स्थापना अनुभाग बजट अनुभाग तथा भारत सरकार की प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना, ग्लोबल स्किल पार्क स्टीव योजना, पी.पी.पी. योजना मध्य प्रदेश कौशल विकास योजना, मध्य प्रदेश कौशल संवर्धन योजना को छलपूर्वक तरीके से उच्च अधिकारियों द्वारा भोपाल ले जाकर वही से काम करते है। अनाधिकृत रूप से जबलपुर कार्यालय के स्टाफ को भोपाल के कार्यालय में संलग्न किया गया है।
मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वदीप पटेरिया, मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरेश शुक्ला ने आरोप लगाया है कि (संचालक, अतिरिक्त संचालक संयुक्त संचालक रजिस्ट्रार सचिव स्टेट बोर्ड) द्वारा 2012 से जबलपुर मुख्यालय में नहीं आ रहे हैं। 2020 में कौशल विकास संचालनालय मध्य प्रदेश जबलपुर के मुख्यालय को रामपुर में 2 एकड़ शासकीय जमीन में बनाया गया था। आज पुनः रेनोवेशन कर अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किये गये जबकि संचालक अतिरिक्त संचालक संयुक्त संचालक एवं अन्य 6-6 माह जबलपुर नहीं आते है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेंद्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, देव दोनेरिया, आलोक अग्मिहोत्री, मनोज सैन, रजनीश पांडे, नरेंद्र सैन,योगेंद्र मिश्रा, सतीस उपाध्याय, अजय दुबे, रवि बांगड़, मनोज राय, विनय नामदेव ने कार्यालय जबलपुर में लेकिन बिना सरकारी आदेश के अधिकारियों के द्वारा कार्य भोपाल से करने की कार्यवाही को गलत बताया है, पदस्थिगी और वेतन जबलपुर में लेकिन शासकीय आवास भोपाल में आवंटित करवाये जाने को गलत बताते हुए कड़ी कार्यवाही करने के साथ ही जहां कार्यालय है वही समस्त कार्य करवाने की मांग की है। जिससे विभागीय कर्मचारियों को अपने शासकीय कार्य के लिए दर दर भरना न पड़े।
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