शासकीय कर्मचारियों के मामले में ज्यादातर उनके ट्रांसफर और सस्पेंशन ऑर्डर को हाई कोर्ट द्वारा स्टे किया जाता है परंतु डॉक्टर नरेंद्र कुमार के मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उनकी सेवानिवृत्ति को स्थगित कर दिया गया है। इससे संबंधित विभागीय आदेश भी जारी हो गए हैं। अब इसी मामले के आधार पर दूसरे डॉक्टर भी अपनी सेवानिवृत्ति को चुनौती दे सकते हैं।
मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग का मामला
मामला, मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल का है। संभागीय आयुष अधिकारी ग्वालियर के पत्र क्रमांक /स्था./2022/1292-96, ग्वालियर, दिनांक 22/08/3/2022 द्वारा डॉ. नरेन्द्र कुमार ढींगरा सहायक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी को 62 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर दिनांक 31/12/2022 से सेवानिवृत्त किया गया था। डॉ. ढींगरा द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय न्यायालय में याचिका दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 30/10/2023 द्वारा डॉ. ढींगरा को 65 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने तक कार्य करने हेतु अंतरिम स्थगन आदेश जारी किया गया है।
डॉ. नरेन्द्र कुमार ढींगरा बनाम मध्यप्रदेश शासन, सेवानिवृत्ति आयुसीमा विवाद
वित्त विभाग के यूओ कमांक 1297/20214/22/नियम-4, दिनांक 03/08/2022 की सलाह पर मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 10-139/2021/1/59, दिनांक 03 अगस्त 2022 एवं दिनांक 19 अक्टूबर 2022 के क्रम में डॉ. नरेन्द्र कुमार ढींगरा, सहायक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी को अस्थायी रूप से न्यायालयीन आदेश के अधीन डॉ. नरेन्द्र कुमार ढींगरा, को शासकीय होम्योपैथी औषधालय, लेले की बगिया, जिला ग्वालियर में पदस्थ किया जाता हैं। संबंधित जिले के आहरण एवं संवितरण अधिकारी को माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय दिनांक 30/10/2023 से वेतन भुगतान की स्वीकृति प्रदान की जाती हैं। (कर्मचारियों से संबंधित मामले और समाचार 91652 24289)
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