नया कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ,2023 जिसने दण्ड प्रकिया संहिता, 1973 का स्थान लिया है वर्तमान मे उसमे बहुत से संशोधन किए गए हैं जिसमें तीन महत्वपूर्ण धाराएं जोड़ी गई है जो CrPC में नहीं थी वो है जमानत, जमानत पत्र एवं बंधपत्र। जानिए
1. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1) (ख) की परिभाषा
जमानत:- पुराने कानून CrPC में जमानत शब्द को कहीं परिभाषित नहीं किया था लेकिन BNSS की उपरोक्त धारा में बताया गया है कि कोई भी अधिकारी या न्यायालय द्वारा कुछ शर्तों पर किसी अपराध किए जाने वाले आरोपी या किसी संदिग्ध व्यक्ति को बंधपत्र या जमानत पत्र के निष्पादन पर कानूनी अभिरक्षा से छोड़ सकता है।
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1)(घ) की परिभाषा
जमानतपत्र :- प्रतिभूति (मुचलका, सिक्योरिटी) के साथ आरोपी या संदिग्ध व्यक्ति को छोड़ना "जमानतपत्र होता है।
3. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1)(ङ) की परिभाषा
बंधपत्र :- बिना प्रतिभूति (मुचलका, सिक्योरिटी) के आरोपी व्यक्ति को छोड़ना अर्थात बंधपत्र या वचनपत्र के द्वारा कानूनी अभिरक्षा में छोड़ना बंधपत्र होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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