MP हाई कोर्ट ने वकील को संरक्षण देने से इनकार किया, मुआवजा राशि में गबन का मामला - NEWS TODAY

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश ने उसे वकील को किसी भी प्रकार का संरक्षण देने से इनकार कर दिया है जिसने अपने पक्षकार के लिए जारी की गई मुआवजा राशि (चार लाख रुपए) बैंक अकाउंट से निकाल ली थी। 

मुआवजा दिलवाने वाला वकील, पूरा मुआवजा खा गया

8 साल की एक लड़की की सांप द्वारा डस लिए जाने से मृत्यु हो गई थी। मुआवजा के रूप में मध्य प्रदेश शासन द्वारा ₹400000 स्वीकृत किए गए जो कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती से मृत लड़की के पिता के खाते में ट्रांसफर होने के बजाय एक वकील के बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो गए। अधिवक्ता को पता था कि यह उसकी राशि नहीं है, इसके बावजूद उसने अपने बैंक के अकाउंट से पूरी राशि विड्रोल कर ली। मांगने पर भी वापस नहीं की। जब पुलिस द्वारा FIR दर्ज की गई तब पुलिस थाने जाकर राशि जमा करवा दी। हाईकोर्ट में वकील द्वारा दलील दी गई कि, बैंक अकाउंट से धनराशि निकलते समय वह नशे में था और फिर उसे मुआवजा की राशि का 10%, फीस के रूप में भी चाहिए।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का कहना है कि, कानून का एक स्थापित सिद्धांत है कि गबन अस्थाई रूप से भी होगा, तब भी उतना ही गंभीर अपराध है। हाई कोर्ट ने एडवोकेट को किसी भी प्रकार का संरक्षण देने अथवा राहत देने से इनकार कर दिया है। इस आदेश के बाद पुलिस द्वारा नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 

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