अपराध की सूचना पुलिस को देना अनिवार्य, अन्यथा जेल का प्रावधान - legal advice

प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है की वह कोई भी गम्भीर अपराध होने की सूचना नजदीक पुलिस थाने या मजिस्ट्रेट को तुरन्त दे, लेकिन कुछ अपराध ऐसे घटित हो जाते है जिनकी सूचना या इत्तिला देना भारतीय नागरिक का केवल कर्तव्य नहीं बल्कि वैधानिक जिम्मेदारी है। जैसे कि हत्या, डकैती, महिला संबंधित अपराध, अपहरण, लूट आदि की सूचना मजिस्ट्रेट को या थाने में देने के लिए ग्राम के प्रत्येक नागरिक बाध्य होते है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी सूचना का जानबूझकर लोप करते हैं या इत्तिला को छुपा लेते है तब उनके खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही होगी जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 211 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 176 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को किसी अपराध की या कोई भी सूचना जिसे देने के लिए वह कानूनी तौर पर बाध्य है, वह जानबूझकर नहीं देगा या लोप करेगा अर्थात्‌ छुपा लेगा वह व्यक्ति BNS की धारा 211 एवं IPC की धारा 176 के अंतर्गत दोषी होगा।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 211 or Indian Penal Code Section 176 Provision of punishment

"यह अपराध, असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ डारेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी, इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवा सकते हैं।
"इस अपराध की सुनवाई कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के दण्ड के दो प्रकार होते हैं:-
1. कोई भी सूचना या इत्तिला लोक सेवक को नहीं देने पर या लोप करने पर अधिकतम एक माह की सादा कारावास या पाँच हज़ार जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
2. अपेक्षित व्यक्ति द्वारा किसी अपराध की सूचना या इत्तिला न देना या छुपा लेने के लिए छ: माह की सादा कारावास या एक हजार रुपए जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

डाक्टर द्वारा घायल व्यक्ति की सूचना पुलिस अधिकारी को न देना अपराध नहीं है जानिए:- 

एस. एन. नायक बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले मे बम्बई हाइकोर्ट ने अभि निर्धारित किया कि एक डाक्टर जो मोटर दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति का इलाज कर रहा है इसकी सूचना पुलिस को देने के लिए वह कर्तव्य बाध्य नहीं है, अतः चिकित्सक को IPC की धारा 176 के अधीन दोषी नहीं माना जा सकता है। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।

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