मध्य प्रदेश के जबलपुर में लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए गोरखपुर तहसील ऑफिस में कार्यरत दो लिपिकों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। उपरोक्त जानकारी देते हुए डीएसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया कि एक वकील से नामांतरण के बदले ₹10000 की रिश्वत ले रहे थे। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है।
रिश्वत के बिना नामांतरण करने को तैयार नहीं थे
शिकायतकर्ता सच्चिदानंद गोस्वामी एडवोकेट हैं। उनकी सास श्यामा पुरी गोस्वामी के नाम पर जबलपुर के गंगा नगर में एक प्लाट है। उस प्लाट का नामांतरण करवाने के लिए सच्चिदानंद ने गोरखपुर तहसील में आवेदन किया था। आवेदन की फाइल यहां से वहां घूम रही थी, पर नामांतरण नहीं हो रहा था। सच्चिदानंद ने तहसील कार्यालय के कर्मचारी अशोक रजक से जब संपर्क किया तो उन्होंने तहसीलदार के बाबू ऋषि पांडे के पास भेज दिया, पर वहां से भी काम नहीं हुूआ। कुछ दिन पहले सच्चिदानंद ने अशोक से प्लाट नामांतरण को लेकर फिर से मुलाकात की, जहां दोनों बाबू ने 25 हजार रुपए की मांग की। बाद में सौदा 10 हजार रुपए में तय हो गया।
परेशान एडवोकेट ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की। जबलपुर एसपी ने शिकायत का सत्यापन करवाया। सोमवार की शाम करीब तीन बजे जैसे ही सच्चिदानंद गोस्वामी रिश्वत के पैसे लेकर गोरखपुर तहसील पहुंचा तो अशोक और ऋषि साथ में बैठे हुए थे। जैसे ही रुपए लिए तो लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबलपुर लोकायुक्त डीएसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया कि एडवोकेट सच्चिदानंद गोस्वामी ने दोनों बाबू की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत की जांच करवाई और नहीं पाया, जिसके बाद आज दोनों बाबू को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के बाद दोनों को मुचलके पर जमानत दे दी गई है।
विनम्र निवेदन:🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।