मध्य प्रदेश में गौ-शालाओं के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की घोषणाएं - MP NEWS

मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में "मध्यप्रदेश में गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन पर आयोजित हितधारकों की कार्यशाला" - "गौ-रक्षा संवाद" के समापन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश में गौशालाओं के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। 

गौ-शालाओं के लिए मध्य प्रदेश सरकार की घोषणाएं 

  1. प्रदेश में संचालित गौ-शालाओं को श्रेष्ठ संचालन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
  2. भारतीय नव वर्ष अर्थात इस चैत्र माह से अगले वर्ष तक वह गौ- वंश रक्षा वर्ष मनाया जाएगा।
  3. चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
  4. सड़कों पर गाएं दुर्घटना का शिकार होती हैं। प्रति 50 किलोमीटर पर ऐसी व्यवस्था होगी कि घायल गाय को इलाज के लिए आसानी से ले जाया जा सके। हाईड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल का टोल व्यवस्था के अंतर्गत प्रबंध किया जाएगा।
  5. गौ-शालाओं को प्रति गाय 20 रुपए के स्थान पर 40 रुपए की राशि देय होगी।
  6. चारा या भूसा काटने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण पर अनुदान की व्यवस्था होगी। इसके लिए पंचायतों को आवश्यक सहयोग किया जाएगा।
  7. अधूरी गौ-शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा से भी राशि का उपयोग होगा। नई गौ-शालाएं भी प्रारंभ की जाएंगी।
  8. गौ-वंश विहार विकसित किए जाएंगे। 

गौ-शाला संचालन से ज्यादा बेहतर है घर में ही गौ-पालन किया जाए 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि गौ-पालक ही गाय का महत्व समझता है। हमारे देश में गाय पालना, गौ-शाला चलाना पवित्र कार्य है। गौ-शाला संचालन से ज्यादा बेहतर काम यह है कि घर में ही गौ-पालन किया जाये। यदि पर्याप्त जगह है, तो गाय अवश्य पालें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनके परिवार में भी गाय पालने की पुरानी परम्परा है। आज भी वयोवृद्ध पिता, बूढ़ी गायों की सेवा करते हैं। गाय को माँ स्वरूप मानते हैं। गौ-पालक परिवार यदि गाय के दूध का उपयोग करता है, तो सेवा में भी पीछे नहीं रहना चाहिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि के साथ पशुपालन की परम्परा रही है। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि गौ-वंश के सम्मान के साथ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो और गौ-शालाएं भी आत्मनिर्भर बनें। 

पशु अभयारणों से गौ-अभ्यारण भिन्न हैं

अन्य पशु अभयारणों से गौ-अभ्यारण भिन्न हैं। ये अभ्यारण गौ-विहार के रूप में विकसित हों, यह आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंत्रि-परिषद की बैठक में इस वर्षाकाल के पूर्व सड़कों पर बैठने वाली गायों की समस्या के दृष्टिगत रखते हुए समुचित प्रबंध करने के लिये मंत्रणा की गई थी। विचार-विमर्श कर सुझाव प्राप्त करने का निर्णय हुआ था। इसीलिये आज यह कार्यशाला हुई है। इसमें विचार-विमर्श के लिए प्रतिभागी अभिनन्दन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देव-स्थानों के संबंध में मंत्री परिषद समिति के गठन की भी जानकारी दी।

इस अवसर पर श्री अखिलेश्वरानंद गिरि, श्री गोपालानंद सरस्वती जी महाराज, पूर्व सांसद मेघराज जैन, प्रमुख सचिव गुलशन बावरा, संचालक पशुपालन एवं प्रबंध संचालक म.प्र.गौ संवर्धन बोर्ड एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि वे स्वयं गौ-पालक हैं। इसलिये इस कार्यशाला से उनका विशेष जुड़ाव है। पशुपालन एवं डेरी विभाग राज्य मंत्री श्री लखन पटेल ने कार्यशाल में प्रस्तुत सुझावों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्राप्त ठोस सुझावों पर क्रियान्वयन भी किया जाएगा। 

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