मध्य प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है और अब विकास के कारण तनाव की स्थिति बनती जा रही है। मध्य प्रदेश शासन के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्री प्रहलाद पटेल एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच अधिकारिता का संघर्ष दिखाई देने लगा है। आज भोपाल में जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रहलाद पटेल ने कहा कि हम ग्राम पंचायत का विकास करेंगे परंतु उन्हें नगर पंचायत में तब्दील नहीं होने देंगे।
प्रहलाद पटेल ने पंचायत प्रतिनिधियों को मोटिवेट किया
पंचायत एवं ग्रामीण विकास (PRD) मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपने सरकारी आवास पर जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था। श्री पटेल ने कहा कि शहरों और नगरीय निकायों से सटी ग्राम पंचायतों के विकास के लिए उपनगरीय विकास मॉडल बनाया जाएगा। ताकि ग्राम पंचायतों में शहरों की तरह भी विकास हो सके। ग्राम पंचायतें आर्थिक रूप से संपन्न हों। लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद पंचायती राज के क्रियान्वयन पर डेढ़ दिन की कार्यशाला करेंगे।
प्रहलाद पटेल को मध्य प्रदेश का पंचायत मॉडल पसंद नहीं
मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने लोकसभा चुनाव के पहले कहा कि, आप महाराष्ट्र जाइए, एक लाख की आबादी वाली पंचायतें भी वहां नगर निकाय नहीं बनना चाहतीं। हमारे राज्य में हर व्यक्ति नगर पंचायत बनाना चाहता है। यह जो उल्टी गंगा हम बहाते हैं, यह ठीक नहीं है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को समझाते हुए कहा कि, हमें अपने पंचायत के अधिकारों को समझना चाहिए, आपके पास भी डेवलपमेंट के अधिकार हैं। आप भी उसको सस्ते में शहर से कम समय में पूरा कर सकते हो। लेकिन, हम उसके बारे में कभी सोचते नहीं हैं।
श्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि, हमारे गांवों में भी अच्छी सड़कें बन गई हैं। उदाहरण के लिए जबलपुर में जो आदमी रहता है वह 25 से 30 मिनट में कलेक्ट्रेट पहुंचता है और हम गोटेगांव वाले लोग 45 मिनट में पहुंच जाते हैं, तो हमें जबलपुर में रहने की जरूरत क्यों है? खर्चा तो उतना ही लग रहा है। तो मुझे लगता है कि यह कोई कठिन काम नहीं है। लेकिन यह माइंड सेट है।
यदि कैलाश विजयवर्गीय साथ देते तो प्रह्लाद पटेल मुख्यमंत्री होते
श्री प्रहलाद पटेल के एक प्रशासक का मानना है कि यदि विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा विधायक दल के नेता के चयन के समय श्री कैलाश विजयवर्गीय, श्री प्रहलाद पटेल का साथ देते तो आज श्री प्रहलाद पटेल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होते। इतना ही नहीं यदि वह डॉ मोहन यादव का समर्थन नहीं करते, तब भी श्री प्रहलाद पटेल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होते।
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