हरदा हादसा मुख्यमंत्री के लिए चुनौती, राजू सेठ को भोपाल के पावरफुल व्यक्ति का संरक्षण - MP NEWS

हरदा हादसे में अब तक 12 लोगों की मृत्यु और 215 से अधिक घायलों की जानकारी मिल चुकी है। अग्रवाल बंधु को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का कहना है कि ऐसी कार्रवाई करूंगा कि लोग याद रखेंगे परंतु हरदा के लोगों का कहना है कि राजू सेठ का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पहले भी कई बार कार्रवाई शुरू हुई है परंतु कोई भी कार्रवाई न्यायपूर्ण नतीजे तक नहीं पहुंचती। बीच में ही रुक जाती है, क्योंकि राजू सेठ को भोपाल में एक पावरफुल व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है।

बाप-दादा अनाज बेचते थे, बेटों ने बारूद बेचना शुरू कर दिया

राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल मूल रूप से गल्ला व्यापारी है। गल्ला यानी अनाज का व्यापार उनके परिवार का पारंपरिक कारोबार है। प्राइम लोकेशन पर दुकान होने के कारण दीपावली के अवसर पर खील-बतासे, कुछ पूजा सामग्री और फुलझड़ी इत्यादि बच्चों की आतिशबाजी बेच दिया करते थे। इस दौरान राजेश और सोमेश ने देखा की आतिशबाजी में काफी अच्छा प्रॉफिट मार्जिन है। उन्होंने सोचा कि जब खरीद कर बेचने में इतना फायदा होता है तो यदि खुद आतिशबाजी बनाएंगे तो कितना ज्यादा फायदा होगा। इसके बाद दोनों ने आतिशबाजी बनाने का कारखाना स्थापित किया और बड़े पैमाने पर कारोबार शुरू कर दिया। 

कलेक्टर नहीं उससे बड़े आईएएस अधिकारी का संरक्षण

हरदा के अग्रवाल बंधुओ ने 2010 के बाद पहली फैक्ट्री बैरागढ़ में खोली (इसी में ब्लास्ट हुआ)। लाइसेंस में बताया था कि 15 किलो बारूद से पटाखे बनाएंगे, लेकिन इस लाइसेंस के आधार पर टनो-टन बारूद का कारोबार किया गया। हरदा के 5 किलोमीटर के इलाके में अग्रवाल बंधु के तीन कारखाने हैं। उनके अपने घर में भी बनी हुई आतिशबाजी और बारूद का भारी भंडार है। बैरागढ़ वाले कारखाने में ब्लास्ट के बाद अग्रवाल बंधु को गिरफ्तार कर लिया गया परंतु शहर के बीचों बीच सब्जी मंडी में स्थित तीन मंजिला निवास में भरे हुए बारूद के भंडार को ना तो जप्त किया गया है और ना ही सील किया गया है। 

हरदा हादसे का जिम्मेदार अभी भी पावर में

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हरदा के कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग को हटा दिया परंतु डॉक्यूमेंट बताते हैं कि इसके लिए श्री ऋषि गर्ग जिम्मेदार नहीं है। वह तो 1 साल पहले ही अग्रवाल बंधु के कारखाने को सील करना चाहते थे, लेकिन उनसे सीनियर एक आईएएस ऑफिसर ने उन्हें रोक दिया। इस आईएएस ऑफिसर के कारण पिछले 14 सालों में अग्रवाल बंधु के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि भोपाल से गए कारखाना निरीक्षक श्री नवीन कुमार बरवा ने मामला तो दर्ज किया परंतु कोर्ट में बयान देने उपस्थित नहीं हो पाए। हरदा कोर्ट ने उनके खिलाफ 1 साल पहले कार्रवाई की अनुशंसा की थी परंतु वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के निर्देशानुसार अग्रवाल बंधु को मदद करने के बदले श्री नवीन कुमार के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यदि लोकायुक्त अथवा EOW जांच करें तो पता चल सकता है कि अग्रवाल बंधु की आतिशबाजी, किस-किस के घर जाती थी। 

राजू सेठ का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि हरदा मामले में ऐसी कार्रवाई करूंगा कि लोग याद रखेंगे परंतु हरदा के लोगों का कहना है कि राजू सेठ (राजेश अग्रवाल) का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पहले भी कई बार इस प्रकार की कार्रवाई शुरू हुई परंतु कभी न्याय पूर्ण अंत तक नहीं पहुंची। हर कार्रवाई बीच में ही बंद हो जाती है। यदि कोई शिकायत करता है तो समझौता हो जाता है। यहां तक कि जिन लोगों के परिजन मर गए हैं, उन्हें भी हरदा में रहना है तो समझौता करना पड़ता है। हालांकि इसके बदले में पैसा भी मिलता है। लोगों का कहना है कि राजू सेठ की पकड़ ऊपर (राजधानी भोपाल) तक है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, क्या उसे ताकतवर व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाते हैं, जो राजू सेठ को लगातार बचाता आ रहा है और अभी भी एक्टिव है। 


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