MP NEWS - मुख्यमंत्री अपने वचन से पीछे क्यों हट रहे हैं, अतिथि विद्वान महासंघ का सवाल

सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारीयों की होने वाली भर्ती खटाई में पड़ने वाली लग रही है। जैसा की विदित हो कि सरकारी महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था एवं पहले चरण की परीक्षा 28 जनवरी को आयोजित होनी थी लेकिन लोक सेवा आयोग के जारी पत्र के अनुसार अब ये पहले चरण की परीक्षा 3 मार्च को आयोजित की जाएगी जिसका प्रवेश पत्र 25 फरवरी से वेबसाइट में जनरेट किया जाएगा। जिन विषयों की परीक्षा पहले चरण में होनी थी उनमें से वनस्पति विज्ञान, वाणिज्य, अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, गृहविज्ञान, गणित, संस्कृत,ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारी के पदों के विषय शामिल हैं।

अतिथि विद्वानों ने फिर उठाया नियमितीकरण भविष्य सुरक्षित की मांग

इधर अतिथि विद्वान महासंघ ने सहायक प्राध्यापक भर्ती का खुलकर विरोध किया है। अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने बयान जारी करते हुए कहा की भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था, अतिथि विद्वान पिछले 25 वर्षों से वनवास झेल रहे हैं। डॉ पांडेय ने बताया की अतिथि विद्वान अनुभवी है, योग्य है, और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपनी घोषणा में अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वचन दे चुके हैं, अब क्यों पीछे हट रहे हैं। 

पहले अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित कर नियमित करे सरकार उसके बाद पीएससी के बारे में सोचे।जैसा की विदित हो कि सूबे के सरकारी महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान लगातार सेवा देते आ रहे हैं और अपनी मांग को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!