मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य स्तरीय वन मेले की सफलता के बाद मध्य प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री नगर सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि इस प्रकार के मन में ले मध्य प्रदेश के सभी जिलों में लगाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि भोपाल में आयोजित वन मेले में दुर्लभ जड़ी बूटियां का विक्रय होता है और अनुभवी नाड़ी वैद्य मुफ्त इलाज करते हैं।
भोपाल वन मेले में 10000 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि वे वन मेले में पहली बार शामिल हुए और जनजातीय बंधुओं द्वारा संग्रहित जड़ी-बूटियों और हर्बल उत्पादों को देखकर अभिभूत हुए। वन मंत्री श्री चौहान ने कहा कि वन मेले में 50 हजार से अधिक लोगों ने भागीदारी की और सिर्फ चार दिनों में ही हर्बल उत्पादों की बिक्री लगभग 60 लाख तक पहुंच गई। उन्होंने कहा कि मेले में जानकार वैद्यों द्वारा लगभग 10 हजार लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
भोपाल वन मेले में दिखाई दिया असली आयुर्वेद
वन मंत्री ने कहा कि मेले के माध्यम से लोगों को जड़ी-बूटियों की जो जानकारियाँ प्राप्त हुई उससे आयुर्वेद अपनाने के प्रति रुझान बढ़ेगा। साथ ही जनजातीय परिवारों को जीविका चलाने के लिये सतत अवसर मिलेंगे।सामाजिक न्याय, उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि दूर अंचलों के वनों से जड़ी-बूटियाँ संग्रहित करने वाले जनजातीय परिवारों को कठिन मेहनत करना पड़ती है। उन्होंने कहाकि वन विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा जड़ी-बूटियों का परीक्षण और प्रसंस्करण कर औषधियां बनाई जाती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिये लाभकारी होती है। उन्होंने कहा कि इन औषधियों का लाभ जनता को मिले और आदिवासी सशक्त हों।
वन, पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन मेले में आये आदिवासी संग्राहकों को पहचान मिलती है और उन्हें वनौषधि विक्रय के लिये एक मंच उपलब्ध होता है। वन, पर्यावरण राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में गरीबों के कल्याण का जो सपना है, वह ऐसे मेलों से मूर्त रूप लेता है। उन्होंने कहा कि स्टॉलों में कलाकृतियों और चित्रकला को देखकर मन प्रसन्न हो गया। मंत्री श्री अहिरवार ने कहा कि महत्वपूर्ण आयोजनों से प्रदेश विकास के नये रास्ते तय करेगा और सफलता के शीर्ष तक पहुँचेगा।
वन मेला समापन समारोह में वन मंत्री श्री चौहान, उद्यानिकी मंत्री श्री कुशवाह और वन राज्य मंत्री श्री अहिरवार द्वारा पुरस्कार वितरित किये गये, जिनमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनी सर्वश्रेष्ठ विक्रेता एवं सर्वश्रेष्ठ सजावट थे। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनी में एमएफपी पीएआरसी, सोशल फॉरेस्ट्री एवं बायोडायवर्सिटी बोर्ड को पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ विक्रेता में जिला यूनियन सतना एवं बीडीवीके उत्तर सिवनी को पुरस्कृत किया गया। सर्वश्रेष्ठ सजावट में जिला यूनियन सीहोर एवं बीडीवीके अलीराजपुर को पुरस्कृत किया गया। मेले में मध्य प्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड को उनकी प्रदर्शनी और बाघ संरक्षण के प्रयासों के लिए विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया। बाघ संरक्षण के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक की रोचक प्रस्तुति की गई और अतिथियों एवं आगंतुकों को “मैं भी बाघ’’ शपथ दिलाई गई। वन विभाग के ईको-टूरिज्म, वनोपज संघ, वन विहार द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों को भी पुरस्कृत किया गया। अलीराजपुर के फूड स्टॉल दाल-पानिये को विशेष पुरस्कार दिया गया। मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री विभाष कुमार ठाकुर द्वारा स्मृति-चिन्ह देकर माननीय अतिथियों का स्वागत किया गया।
समापन समारोह कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख डॉ. अभय कुमार पाटिल, अपर प्रबंध संचालक लघु वनोपज श्री मनोज कुमार अग्रवाल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, मेले में उपस्थित उत्पादक और आमजन उपस्थित थे।
⇒ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।