मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि, कई बार आप लोग और मेरी पार्टी भी मुझ पर भरोसा नहीं करती। श्री दिग्विजय सिंह ने यह बताने के लिए पत्रकारों को अपने घर बुलाया था कि EVM में गड़बड़ी की जा सकती है।
EVM से संबंधित पत्रकार वार्ता में दिग्विजय सिंह ने क्या-क्या कहा
- चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है दबाव में है।
- ईवीएम का सारा काम प्राइवेट लोगों के हाथ में है।
- पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है, न अधिकारी-कर्मचारी हैं। इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और डालने वाला है।
- चुनाव आयोग को ईवीएम से इतना ही प्रेम है तो वीवीपैट की पर्ची वोटर के हाथ में दे।
- चुनाव बैलेट पेपर से हों।
- मध्यप्रदेश में 230 सीटों पर इन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी की। 10% का स्विंग किया, इसलिए हम कुछ सीटें 60-70 हजार एक लाख से हार गए।
वोट तरबूज को डाला था, पर्ची पर सेवफल प्रिंट हुआ
प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ दिग्विजय सिंह ने आईआईटी दिल्ली के अतुल पटेल से पूरी मतदान प्रक्रिया का डैमो दिलाया। इस दौरान एक ईवीएम में 10 वोट डाले गए। उन्होंने बताया कि 2017 में वीवीपेट का ग्लास बदल दिया गया था। वोट डालने के बाद 7 सेकेंड के लिए वीवीपैट में लाइट जलती है। वोटर पर्ची देखकर चला जाता है। आईआईटीयन अतुल पटेल ने मशीन की गड़बड़ी को दिखाने के लिए एक चिह्न तरबूज को दो वोट डाले। पहला तरबूज की पर्ची वीवीपीएटी में दिखी। दूसरा वोट तरबूज का बटन दबाने के बावजूद सेब की पर्ची प्रिंट हुई। अतुल ने कहा, 2013 से चुनावी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम बैलेट पेपर से वोटिंग की लड़ाई लड़ रहे हैं।
श्री दिग्विजय सिंह से कुछ सीधे सवाल
- आपकी पार्टी आप पर भरोसा क्यों नहीं करती। आप अपनी पार्टी का भरोसा जीतने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं करते।
- पार्टी और पत्रकार तो दूर की बात आपका अपना भाई और परिवार भी आपकी बातों पर भरोसा नहीं करते।
- यदि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जनता ने आपको वोट दिया था तो चुनाव नतीजे आने के बाद आपको अपनी जनता के साथ सड़क पर उतर आना चाहिए था।
- आप अपने दावे के समर्थन में कोई बड़ा अभियान क्यों नहीं शुरू करते। वैसे भी आपके पास पार्टी की कोई खास जिम्मेदारी नहीं है। महात्मा गांधी की तरह भारत की पदयात्रा पर निकालिए और समर्थन प्राप्त कीजिए।
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