BHOPAL NEWS - आलोक शर्मा धरने पर बैठ गए थे, ध्रुव नारायण घर से ही नहीं निकले

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले दो दिनों में भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं पर हमले हुए। पहला हमला उत्तर विधानसभा में हुआ। इस हमले के विरोध में भोपाल उत्तर के नेता श्री आलोक शर्मा थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे। दूसरा हमला मध्य विधानसभा में हुआ। यह तलवार से किया गया जानलेवा हमला था। भाजपा पदाधिकारी की हत्या का प्रयास हुआ। इसके बावजूद भोपाल मध्य के नेता श्री ध्रुव नारायण सिंह सड़कों पर नहीं उतरे। केवल एक ट्वीट किया, वह भी पॉलीटिकल। 

घटना का विवरण

हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया ने बताया कि 12 नंबर स्थित साईं बाबा मंदिर के व्यवस्थापक श्री स्वप्निल वानखेड़े उम्र 26 साल ने मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात 11:30 बजे, जब वह अपने घर जा रहे थे तब जनता कॉलोनी में उन्होंने देखा कि, भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला कार्यालय मंत्री श्री देवेंद्र ठाकुर के साथ, असलम, फारुख उर्फ मिन्नी, समीर उर्फ बिल्लू, शाहरुख एवं बिलाल मारपीट कर रहे थे। इसी दौरान समीर ने देवेंद्र को पकड़ा और फारूक ने तलवार से उसके सिर पर वार कर दिया। तलवार को रोकने के लिए देवेंद्र ने हाथ बढ़ाया तो उनके हाथ का पंजा कट गया। 

श्री स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि, हमला देखते ही वह श्री देवेंद्र ठाकुर को बचाने के लिए आगे बढ़े परंतु बिलाल ने उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद सभी लोग वहां से भाग गए। पुलिस ने बताया कि श्री स्वप्निल वानखेड़े ने ही, घायल भाजपा कार्यकर्ता श्री देवेंद्र ठाकुर को अस्पताल पहुंचाया, और दूसरे दिन मंगलवार की सुबह पुलिस थाने जाकर मामला दर्ज करवाया। 

आलोक शर्मा और ध्रुव नारायण में अंतर

इस घटना के ठीक 1 दिन पहले भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता भगवान दास डालिया पर चाकू से हमला कर दिया गया था। इस हमले के विरोध में भोपाल उत्तर के नेता श्री आलोक शर्मा पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे। दूसरे दिन भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र में भाजपा पदाधिकारी की हत्या का प्रयास किया गया, लेकिन भोपाल मध्य के नेता श्री ध्रुव नारायण सिंह ने इस घटना के विरोध में कोई प्रदर्शन नहीं किया। यहां तक की घायल पदाधिकारी से मिलने अस्पताल भी नहीं गए। केवल एक ट्वीट किया जिसमें इस हमले के लिए भोपाल मध्य के विधायक श्री आरिफ मसूद को जिम्मेदार बताते हुए लिखा कि, जनता अपने निर्णय पर चाहे तो विचार करे। पुनर्विचार तो कर नहीं सकते आप। 

उन्होंने कांग्रेस विधायक श्री आरिफ मसूद के साथ आरोपी का फोटो जारी किया परंतु पीड़ित के साथ अपना फोटो जारी नहीं किया। शायद उसका हाल-चाल जानने के लिए अस्पताल भी नहीं पहुंचे।

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