IPC 225B - पुलिस को गुमराह करके अभिरक्षा से फरार हो जाना, परिभाषा एवं दंड प्रावधान

Legal general knowledge and law study notes

जब किसी आरोपी को पुलिस किसी स्थान से गिरफ्तार कर लेती है और उसे हवालात में ले जाते समय किसी सार्वजनिक स्थान पर रोकती है और वह पुलिस अधिकारी को विश्वास दिलाता है की वह शौचालय जाकर अभी आता है और आकार पुलिस को उनके हवाले कर देगा लेकिन वह वहीं से फरार हो जाता है तब उस पर एक नई धारा के अंतर्गत अपराध बनता है जानिए

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 225 (ख) की परिभाषा

जब किसी व्यक्ति को लोक सेवक द्वारा विधिपूर्ण तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया हो और वह हिरासत से भागने के लिए लोक सेवक का विश्वास जीतेगा या विश्वास जीतकर गिरफ्तारी का विरोध करेगा या हिरासत से भागेगा या भागने का प्रयत्न करेगा वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 225 (ख) के अंतर्गत दोषी होगा

Indian Penal Code, 1860 section 225b Punishment 

इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है

नोट:- यह धारा छोटे छोटे अपराधों में लागू होती है जो कम गंभीर होते हैं Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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