MP NEWS- ग्वालियर में कांग्रेस सरपंच की हत्या, 40 मकान और 15 गाड़ियां जलाईं, इंदौर का पीएफ कमिश्नर फरार

मध्य प्रदेश की ग्वालियर शहर में पड़ाव थाना क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के नेता एवं सरपंच श्री विक्रम रावत की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। 5 नकाबपोश बदमाशों ने टोटल 10 राउंड फायर किए। हत्या का आरोप इंदौर पीएफ कमिश्नर श्री मुकेश रावत एवं उनके परिवार के लोगों पर लगा है। पीएफ कमिश्नर फरार हैं। पीड़ित परिवार के लोगों ने आरोपियों के घरों में आग लगा दी। आधा गांव खाली हो गया है। 

हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे

पड़ाव इलाके के लोको एरिया में सोमवार सुबह 9.30 बजे बन्हेरी (आरोन) से कांग्रेस समर्थित सरपंच विक्रम रावत की हत्या कर दी गई थी। बाइक और एक्टिवा से आए हमलावरों ने 8 गोलियां चलाईं। 4 रावत के सिर में, एक रीढ़ की हड्डी में और 2 गोलियां लिवर व लंग्स में लगी थीं। इससे पहले उनके भाई की हत्या कर दी गई थी। विक्रम रावत इस मामले में मुख्य गवाह थे। न्यायालय में उनकी गवाही होने वाली थी। इसी सिलसिले में वह वकील से मिलने के लिए आए थे। यहीं पर 5 या इससे अधिक नकाबपोश बदमाश विक्रम रावत का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वह अपने कर से नीचे उतरे, और पीछे वाली सीट से उन्होंने हत्या वाले मामले के दस्तावेज उठाए, बदमाशों ने उन्हें दोनों तरफ से घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। 

दोनों परिवारों में राजनीतिक रंजिश

बन्हेरी गांव में विक्रम की मां सरपंच थीं और वर्तमान में विक्रम खुद सरपंच हैं। गांव में विक्रम सिंह के परिवार के अलावा पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत का परिवार भी रहता है। इन दोनों परिवारों में सरपंच चुनाव को लेकर रंजिश है। प्रॉपर्टी को लेकर विवाद की बात भी सामने आई है। 2021 में ट्रैक्टर से बच्चे को टक्कर लगने के विवाद में विक्रम के चचेरे भाई रामनिवास की हत्या की गई थी। इसमें मुकेश रावत सहित 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 2021 में हुए हत्याकांड में मृतक विक्रम मुख्य गवाह ​था। 9 अक्टूबर को इसी मामले में वह वकील से मिलने पड़ाव थाना स्थित कांतिनगर गया था। यहां अपनी कार पार्क कर उतरा और पिछली सीट से दस्तावेज निकालने लगा, तभी हमलावरों ने उसकी हत्या कर दी।

आरोपियों के 40 मकान और 15 गाड़ियां जला दी

मृतक विक्रम रावत सरपंच के परिजन और समर्थकों ने बन्हेरी गांव में हत्या के आरोपियों से जुड़े लोगों के घरों पर आगजनी और तोड़फोड़ भी की थी। 40 मकान और 15 गाड़ियां जला दी गई थीं। रात में कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार कराया गया था। दहशत की वजह से आधा गांव खाली हो गया था। तनाव को देखते हुए इलाके में 300 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। 

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