मध्य प्रदेश महालेखाकार ग्वालियर द्वारा किए गए एक ऑडिट में बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पशु चिकित्सा विभाग शाजापुर का एक कर्मचारी महेश मालवीय अपनी पत्नी को मरने वाले कर्मचारी की विधवा बताकर मृत कर्मचारी को मिलने वाली शासकीय धनराशि अपनी पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। यहां तक कि उसने एक महिला कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता भी अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दी।
कुछ कर्मचारियों का वेतन भी अपनी पत्नी के खाते में जमा कर दिया
ऑडिट के दौरान पाया गया कि साल 2019 से महेश मालवीय एवं उनकी पत्नी का बैंक बैलेंस अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। जांच के दौरान पाया गया कि कर्मचारियों को मिलने वाली एरियर की राशि। कुछ कर्मचारियों के वेतन एवं आगर मालवा जिले को प्राप्त गौ-अभ्यारण्य अनुदान की राशि भी, कर्मचारी की पत्नी के बैंक खाते में जमा कराई गई। शिक्षा विभाग के कर्मचारी एवं शिक्षक श्री राधेश्याम मगरोला की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को दी जाने वाली बीमा की राशि, कर्मचारी ने अपनी पत्नी के बैंक खाते में जमा करा दी।
बड़ा पावरफुल होता है डीडीओ का अकाउंटेंट
मध्यप्रदेश में डीडीओ को आहरण एवं संवितरण के अधिकार प्राप्त हैं। जबकि कई डीडीओ ऐसे हैं जिन्हें अपना ईमेल आईडी लॉगइन करना नहीं आता। उनके सारे क्रैडेंशियल्स, उनके अकाउंटेंट के पास होते हैं। यानी उनका अकाउंटेंट असली डीडीओ होता है। शाजापुर के मामले में ऐसा ही हुआ है। महेश मालवीय के पास सभी पासवर्ड थे। उसने बड़ी आसानी से विभिन्न प्रकार की धनराशि को इधर-उधर कर दिया। फिलहाल मामले का खुलासा हुआ है, विस्तृत जांच बाकी है।
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