Legal general knowledge and law study notes
कोई व्यक्ति जिसे आवश्यक वस्तु विक्री का लाइसेंस प्राप्त है और वह व्यक्ति विक्री करते समय जानबूझकर का गड़बड़ी करता है या किसी अन्य व्यक्ति को सरकारी योजना के अंतर्गत मिलने वाली आवश्यक वस्तु का वितरण करता है, ऐसे व्यक्ति की कोई अधिकारी जाँच कर लेता है एवं जाँच उपरांत दोषी पाए जाने पर उसे बचाने के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार करता है, तब ऐसे अधिकारी के खिलाफ किस कानून के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 34 की परिभाषा
अगर कोई अधिकारी होते हुए ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिए झूठी रिपोर्टर बनाता है या तथ्यों को छिपाता हैं जो आवश्यक वस्तु की विक्री में या लोक वितरण में जानबूझकर कोई भ्रष्टाचार करता है या गड़बड़ी करता है वह अधिनियम की धारा 34 के अंतर्गत दोषी होगा।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Prevention Act, 1982 Section 34 punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध हैं लेकिन अधिकारी पर मामला दर्ज करने से पहले सक्षम उच्च अधिकारी या समुचित सरकार से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है,इनकी सुनवाते किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। सजा इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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