GKQuiz - इंसानों के पूर्वज तो बंदर है फिर पितृपक्ष में कौवा को भोजन क्यों रखते हैं

कहते हैं कि पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दान धर्म किए जाते हैं। कर्मकांड के दौरान इस पूरी प्रक्रिया में कौवा को काफी महत्व दिया जाता है। उनके लिए प्रतिदिन भोजन बनाया जाता है और यदि वह अपनी आंखों के सामने आकर भोजन कर लेते हैं तो यह माना जाता है कि पितृ प्राप्त हो गए हैं। विज्ञान कहता है कि इंसानों के पूर्वज बंदर है, सरल सवाल यह है कि फिर पितृपक्ष में कौवा को भोजन क्यों कराया जाता है। बंदरों की पंगत क्यों नहीं लगाई जाती। 

कौआ इंटेलिजेंट होता है, कोई चेहरा एक बार देख ले तो भूलता नहीं है

कौए के सिर यानी हेड से ही शुरू करते हैं। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कौए के ब्रेन का साइज उसकी बॉडीसाइज़ के अनुपात में काफी बड़ा है। इसके ब्रेन में तंत्रिका कोशिकाएँ यानी न्यूरोन्स (Neurons) बहुत ही पास-पास स्थित होते हैं, इसलिए इनमें कम्यूनिकेशन काफी आसानी से और जल्दी होता है। इसी कारण कौए की इंटेलीजेंस सबसे अच्छी मानी जाती है। ब्रेन की इसी इंटेलीजेंस पावर की वजह से कौआ फेस रिकॉग्निशन बड़ी आसानी से कर लेता है और प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर पहचान जाता है। 

कौए आपके बारे में बात भी करते हैं

प्यासे कौए या Thristy Crow की कहानी तो हम सबने सुनी ही है। इस कहानी में कौवा मामूली से कंकड़- पत्थर का उपयोग करके अपनी प्यास बुझा लेता है। यानी कि कौवे को टूल्स का उपयोग करना बहुत अच्छी तरीके से आता है और यदि दो कौए आपस में बातचीत कर रहे है और आपके सामने है तो आप समझ जाइए कि वे आपके बारे में ही बात कर रहे हैं। 

कौवा का पितृ पक्ष एवं पूर्वजों से क्या संबंध है 

कौवा पृथ्वी का एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसे अमर पक्षी माना गया है। कौवा कभी बूढ़ा नहीं होता। उसकी कभी सामान्य मृत्यु नहीं होती। उसकी याददाश्त इतनी तेज होती है कि, माना जाता है कि उसे पिछले जन्म का सब कुछ याद होता है। कौवा एक ऐसा पक्षी है जो अपनी सेवा के लिए इंसानों का चुनाव स्वयं करता है। यदि आप एक साथ कई घरों की छत पर उसके लिए व्यंजन बनाकर रखेंगे तो कोई भी वैज्ञानिक विश्वास पूर्वक यह नहीं कह पाएगा कि कौवा कौन सी वाली छत पर आकर बैठेगा और क्या खाना पसंद करेगा। 

इसीलिए माना जाता है कि परिवार का कोई पितृ, यदि कौवा के रूप में पृथ्वी पर है, तो आपको उसकी तृप्ति के लिए पर्याप्त प्रयास करने चाहिए। अपने पितृ को संतुष्ट करने, उनकी सेवा करने का इससे अधिक सरल कोई दूसरा माध्यम नहीं है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें।

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