सहकारी समिति के लोन वाली जमीन का नामांतरण शून्य घोषित हो जाएगा - Free legal advice

Legal general knowledge and law study notes

पिछले कुछ दिनों से हम उन अपवादों की जानकारी दे रहे हैं जिनके होते हुए कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि का नामांतरण नहीं कर सकता है। अगर वह इन अपवादों को होते हुए किसी भूमि का नामांतरण करता है तो ऐसा नामांतरण स्वतः शून्य माना जाता है अर्थात यह कानूनी तौर पर लीगल नहीं होगा आज का अपवाद भी उन्हीं में से है जानिए।

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 09 की परिभाषा

• अगर किसी भू-स्वामी ने किसी सहकारी सोसायटी से कर्ज लिया है एवं भूमि को जमानत पर गिरवी तौर पर रखी है तब वह अपनी भूमि का नामांतरण नहीं कर सकता है।
• अगर भूमि के में सहकारी सोसायटी से ऋण ले लिया है और बकाया बाकी है या वसूली पूरी भी हो गई है जब तक सहकारी सोसायटी द्वारा नोड्यूज नहीं दिया जाता तब तक भूमि स्वामी अपनी भूमि का नामांतरण नहीं कर सकता है।

सरल हिंदी में निष्कर्ष यह है कि अगर किसी भी जमीन अथवा खेत इत्यादि को गिरवी रख कर कोई लोन लिया गया है तो, ऐसी जमीन अथवा खेत की ना तो खरीदी बिक्री की जा सकती है और ना ही उसका नामांतरण किया जा सकता है। यदि किसी कारणवश नामांतरण हो जाता है तब भी ऐसे नामांतरण में किसी भी प्रकार की वैधानिक शक्ति नहीं होगी। प्रकाश में आने पर इस प्रकार का नामांतरण शून्य घोषित कर दिया जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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