यह एक ऐसा पेंशन अथवा मंथली इनकम प्लान है जिसमें आप यदि आज निवेश करते हैं तो अगले महीने से पेंशन शुरू हो जाएगी, फिर चाहे आपकी उम्र 18 साल ही क्यों ना हो। आप जब तक चाहें तब तक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। आप चाहें तो अपनी पेंशन में महँगाई भत्ता बढ़ा सकते हैं और यदि कभी आपको ऐसा लगता है कि आपको पेंशन की जरूरत नहीं है तो अपनी पेंशन को स्टॉप भी कर सकते हैं। स्टॉप करने का अपना फायदा है।
सबसे पहले बाजार में प्रचलित पेंशन प्लान समझिए
भारत के बाजार में सबसे ज्यादा पेंशन प्लान कुछ इस प्रकार से डिजाइन किए गए हैं कि आपसे आपकी धन राशि लेकर शेयर बाजार में लगाई जाती है और फिर उससे होने वाले मुनाफे से आपको पेंशन का प्रॉमिस किया जाता है। इस तरह के पेंशन प्लान की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि इनका मेंटेनेंस चार्ज बहुत ज्यादा होता है। यानी जो कंपनी आपके पेंशन प्लान को मेंटेन कर रही होती है, वह काफी ज्यादा मात्रा में फीस चार्ज करती है। इसके कारण शेयर बाजार में निवेश राशि कम हो जाती है और जब मुनाफ़ा मिलता है तो वह भी कम हो जाता है। मुद्दे की बात यह है कि जब शेयर बाजार में निवेश करना है तो फिर किसी को फीस देने की क्या जरूरत है। अपन अपना पेंशन प्लान खुद बना सकते हैं।
SWP यानी आपका अपना पेंशन प्लान
SWP की फुल फॉर्म Systematic Withdrawal Plan है। इसे आप अपनी जरूरत के हिसाब से डिजाइन कर सकते हैं। यह प्लान आपके अपने बैंक में मिल जाएगा। इसके तहत आप एक निश्चित रकम निवेश करते हैं और उसके बाद आपके बैंक अकाउंट में मंथली पेंशन आना शुरू हो जाती है। यह आपकी मृत्यु होने तक लगातार आती रहती है। आप चाहे तो ऐसे किसी भी समय बंद करके अपना सारा पैसा निकाल सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि आपकी जमा धनराशि पर पेंशन के अलावा आप प्रॉफिट भी कमा सकते हैं। चलिए इसे एक उदाहरण से समझाते हैं।
SWP- मंथली इनकम प्लान अथवा पेंशन प्लान का उदाहरण
- आपने ₹500000 निवेश किए। इसे आप कितना भी बढ़ा और घटा सकते हैं।
- 7% बैंक एफडी की ब्याज दर से 1 साल में आपको ₹35000 मिलेगा।
- इस ₹35000 को 12 महीनों में विभाजित करके प्रति महीना ₹3000 अपनी पेंशन निर्धारित कर लीजिए।
- इस तरह ₹3000 प्रति महीना आपके बैंक अकाउंट में आने लगेगा।
- मान लेते हैं कि आप 20 साल तक पेंशन लेंगे।
- 3000 मासिक की दर से 20 साल में आपको ₹720000 मिल जाएंगे।
- और सबसे अंत में आपको लगभग ₹2000000 मिलेंगे।
SWP के पीछे का मैट्रिक्स समझिए
आपका बैंक आपकी सारी धनराशि म्यूचुअल फंड में निवेश कर देता है। डिसीजन बनाने से पहले कृपया म्यूच्यूअल फंड की हिस्ट्री कोई स्टडी करें। आपके बैंक का म्यूच्यूअल फंड कितने सालों से चल रहा है और 10 साल में उसका एवरेज रिटर्न कितना है। याद रखें कि सभी बैंकों के म्यूचुअल फंड में रिटर्न की दर अलग-अलग होती है। पिछले 3 सालों में कई बैंकों के म्यूच्यूअल फंड ने 20% से अधिक का वार्षिक रिटर्न दिया है, लेकिन अपन ने, अपने उदाहरण में अगले 20 साल तक मात्र 12% रिटर्न कैलकुलेट किया है।
आपकी जमा धनराशि में से जो 12% रिटर्न मिलेगा, उसमें से 7% धनराशि आपने पेंशन के रूप में निकाल ली या नहीं 5% धनराशि वापस मीटर फंड में निवेश हो गई। इस प्रकार आप की मूल रकम बढ़ती चली जाती है और दूसरी तरफ आपको मासिक पेंशन भी मिलती रहती है। क्योंकि इसमें फंड मैनेजर को ज्यादा कमीशन नहीं मिलता, इसलिए ज्यादातर लोग आपको इस प्रकार के पेंशन प्लान समझाने की कोशिश नहीं करते। यदि आप पूछते भी है तो आपको कंफ्यूज कर देते हैं।
डिस्क्लेमर:- कृपया किसी भी प्रकार का डिसीजन बनाने से पहले, अच्छी तरह से जांच पड़ताल करें। सिर्फ अपना बैंक नहीं बल्कि उन बैंकों में भी पूछताछ करें जिनमें आपके खाते नहीं है। भारत में कुछ म्यूच्यूअल फंड ऐसे भी हैं जो बैंकों द्वारा संचालित नहीं किए जा रहे हैं लेकिन बैंकों से अच्छा रिटर्न दे रहे हैं। आप चाहे तो उनके बारे में भी पता कर सकते हैं।
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