MP Employees NEWS- इंदौर में भ्रष्ट सीईओ की सारी संपत्ति राजसात, 4 साल की जेल, 2 करोड़ का जुर्माना भी

सातवां वेतनमान और भरपूर महंगाई भत्ता के बावजूद रिश्वत ले रहे और भ्रष्टाचार कर रहे कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ने सख्त कार्यवाही शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लाखन सिंह राजपूत की ना केवल 4 साल की जेल और 4 करोड़ की संपत्ति राजसात कर ली गई बल्कि 2 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है। 

9 साल 11 महीने तक केस चला

लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने 11 नवंबर 2011 को विजय नगर में रहने वाले जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लाखन सिंह राजपूत के घर पर छापामार कार्रवाई की थी। श्री राजपूत की पदस्थापना सेंधवा में थी। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 2 साल तक इन्वेस्टिगेशन की और एविडेंस कलेक्ट की है। 11 सितंबर 2013 को चालान पेश किया गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 44 गवाह पेश हुए। पूरे 9 साल 11 महीने तक न्यायालय में सुनवाई की प्रक्रिया चलती रही और अब जाकर मामले का फैसला आया। 

कोर्ट में केस भले ही लंबे समय तक चला हो परंतु न्यायालय ने जब फैसला सुनाया तो भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी गई। आरोपी की तरफ से बार-बार कहा गया कि जो संपत्ति राजसात की जा रही है, वह उसका स्वामी नहीं है परंतु लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि, भ्रष्टाचार से कमाए गए काले धन से बेनामी संपत्ति खरीदी गई है। पैसा लाखन सिंह का था, परिवार के लोगों को संपत्ति का स्वामी बनाया गया है। कोर्ट ने सारी संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए और ₹20000000 जुर्माना भी ठोक दिया। 

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