मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कलेक्टर श्री आशीष सिंह अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 तथा बंधक श्रम पुनर्वास एवं अधिनियम 1976 के अंतर्गत टास्क फोर्स बैठक संपन्न हुई।
बाल मजदूरी करवाने वालों पर 50000 जुर्माना 2 साल की जेल
बैठक में भोपाल जिले को बालश्रम मुक्त बनाने के उद्देश्य को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले सप्ताह पूरे भोपाल में अभियान चलाकर बालश्रम कराने वाले संस्थाओं पर व्यक्ति एवं संस्थान पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। बाल मजदूरी अधिनियम के अंतर्गत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से खतरनाक कार्य कराना दण्डनीय अपराध है। उल्लंघन करते पाए जाने पर 50 हजार रूपए का जुर्माना और 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
भोपाल जिले में श्रम विभाग, पुलिस एवं नगर निगम एवं संबंधित अधिकारियों की टीम बनाकर अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान मिलने वाले बच्चे एवं किशोरों का डेटावेस तैयार होगा। उसके साथ ही परिवार का भी डेटावेस तैयार किया जाएगा ताकि बालश्रम करने वाले बच्चे एवं उनके परिजनों को शासकीय योजना के अंतर्गत लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जा सके।
सड़क, बस स्टेण्ड एवं अन्य स्थानों पर रहने वाले परिवारों को भी जोड़ा जाए ताकि इनको सरकार की योजनाओं में लाभ दिलाना सुनिश्चित हो पाए। बच्चों के आधार कार्ड, समग्र आईडी एवं अन्य दस्तावेज बनाए जाए इसके लिए आवश्यकतानुसार विशेष कैम्पों का भी आयोजन किया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि हम सब को मिलकर बाल श्रम मुक्त भोपाल बनाना है इसके लिए सभी विभाग समन्वय कर मिशन मोड में कार्य करें।
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