मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान और अतिथि शिक्षक काफी समय से विचलित हैं। उनकी आंखों के सामने एक एक करके सभी कर्मचारी वर्गों की समस्याओं का समाधान होता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में उन्हें अच्छे आश्वासन मिले हैं। सरकारी सूत्रों की ओर से आज एक बार फिर कंफर्म हुआ कि अतिथि विद्वान एवं अतिथि शिक्षकों के लिए तोहफा तैयार किया जा रहा है।
कुछ तो नियमित शिक्षक और प्रोफेसर से ज्यादा योग्य हैं
मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वान नियमितीकरण की उम्मीद में ओवर एज हो गए हैं। यह बिल्कुल सही है कि, अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों में कुछ संख्या अयोग्य भाई-भतीजा की है परंतु बड़ी संख्या ऐसे कर्मचारियों की है जिन्होंने अपनी योग्यता के आधार पर अतिथि विद्वान अथवा अतिथि शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की है। इनमें से कुछ ऐसे हैं जो नियमित कर्मचारियों से ज्यादा योग्य हैं और अपने निर्धारित काम के अलावा स्कूल कॉलेज के मैनेजमेंट से संबंधित दूसरे काम भी कर रहे हैं।
सरकार ने रास्ता निकाल लिया है
राजधानी भोपाल में अचानक आयोजित हुई श्री अमित शाह की मीटिंग के बाद पार्टी सूत्रों की तरफ से बताया गया कि, इस मीटिंग में अतिथि विद्वान एवं अतिथि शिक्षकों का विषय भी आया था। सरकार ने रास्ता निकाल लिया है। उसका इंपैक्ट कहां और कितना पड़ेगा, इसका परीक्षण किया जा रहा है। किसी भी समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों के संबंध में कोई घोषणा कर सकते हैं।
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