क्या जमानती मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है - Legal general knowledge

जब कोई व्यक्ति जमानतीय अपराध में गिरफ्तार कर लिया जाता है एवं उसे जमानत अधिनियम, 2017 की धारा 10 के अंतर्गत पुलिस थाने से या अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत पर छोड़ दिया जाता है। तब ऐसे व्यक्ति की जमानत को रद्द भी किया जा सकता है। उसे जेल भेजा जा सकता है। जानिए ऐसा कब, क्यों और किन परिस्थितियों में होता है।

जमानत अधिनियम, 2017 की धारा 21 की परिभाषा

अगर कोई व्यक्ति किसी भी समय, स्थान पर जमानत की शर्तों का उल्लंघन करता है तब उसकी जमानत को न्यायालय रद्द कर सकता है। या उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय को विश्वास हो जाता है कि आरोपी किसी गम्भीर अपराध को अंजाम दे सकता है, तब सुनवाई के पश्चात अधीनस्थ न्यायालय को निर्देश दे सकता है की धारा 10 के अंतर्गत दी गई जमानत को रद्द कर आरोपी को अभिरक्षा में रखे।

Definition of Section 21 of the Bail Act, 2017

इसके अलावा यदि वह न्यायालय द्वारा निर्धारित तारीख पर उपस्थित नहीं होता और यह प्रमाणित हो जाता है कि न्यायालय में अनुपस्थित रहकर वह किसी गवाह अथवा सबूत के पेश होने में विलंब का कारण बन रहा है, अथवा जवाब प्रस्तुत करने से बच रहा है, अथवा किसी भी प्रकार से न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है तब ऐसे आरोपी की जमानत रद्द करने पर विचार किया जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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