एमकेएचएस गुजराती कॉलेज में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। BBA के स्टूडेंट्स को आउट ऑफ सिलेबस पढ़ाई करवा दी गई। जब टाइम टेबल जारी हुआ तब पता चला कि जो विषय पढ़ाया गया है, उसकी तो परीक्षा ही नहीं होनी। अब मैनेजमेंट जुगाड़ लगाने में लगा हुआ है। सवाल यह है कि यदि कॉलेज को यही नहीं पता कि विद्यार्थियों को क्या पढ़ाना है तो फिर ऐसे कॉलेज के अस्तित्व पर प्रश्न उपस्थित होना चाहिए।
इंदौर के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री कपिल नीले की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी पढ़ाई हो जाने और टाइम टेबल जारी हो जाने के बाद भी गुजराती कॉलेज के शिक्षकों को यह पता नहीं था कि उन्होंने गलत पढ़ाई करा दी है। छात्राओं ने उन्हें बताया। यदि यह स्थिति किसी दूसरे कॉलेज में होती तो शायद कॉलेज में बड़ा प्रदर्शन हो जाता परंतु छात्राओं ने संयम से काम लिया और कॉलेज मैनेजमेंट को इस समस्या के समाधान निकालने के लिए समय दिया है। कॉलेज मैनेजमेंट ने सबसे पहले दो परीक्षा की तारीख बदलवा दी है, लेकिन सिर्फ तारीख बदलने से काम कैसे चलेगा।
अब जुगाड़ लगाया जा रहा है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत जो सब्जेक्ट पढ़ा दिया है उसी से मिलता जुलता कोई सब्जेक्ट तैयार किया जाए और फिर उसका पेपर करवा लिया जाए।
हम अपडेट नहीं थे यह हमारी गलती नहीं है: परीक्षा नियंत्रक
दो दिन पहले कालेज के प्राचार्य और तीन शिक्षकों ने परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी से भेंट की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बीबीए-बीसीए के कई विषय बदल गए हैं। वैसे पुरानी परीक्षा स्कीम में बीबीए-बीसीए में ई-कामर्स विषय था, जो एनईपी में सिर्फ बीसीए में रखा गया है। एनईपी और पुरानी योजना की गफलत से यह स्थिति बनी है।
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