मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक शासकीय शिक्षक की तीन नाबालिग लड़कियों का अपहरण हो गया। शिक्षक द्वारा अपहरणकर्ताओं के नाम भी बताए गए हैं परंतु हमेशा की तरह चंबल की पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। शिक्षक एसपी ऑफिस में मदद की गुहार लेकर बैठा हुआ है।
सुबह 7:00 बजे कोचिंग के लिए निकली थी तीनों लड़कियां
शासकीय शिक्षक सबलगढ़ का निवासी है। उसकी तीन नाबालिग बेटियां शुक्रवार को सुबह कोचिंग पढ़ने पवन गोस्वामी तथा व कैलाशी सर के यहां गईं थीं। सुबह 7 बजे से 11 बजे तक कोचिंग का समय है। उसके बाद वे कोचिंग से वापस नहीं आई। जब तीनों बच्चियां साड़े ग्यारह बजे तक घर नहीं लौटीं तो उन्होंने कोचिंग संचालकों से फोन करके उनके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वे तो कोचिंग पहुंची ही नहीं हैं। उसके बाद उसने अपने रिश्तेदारों के यहां पता लगाया लेकिन उसकी बच्चियों का पता नहीं चल सका। बाद में वह सबलगढ़ थाने पहुंचा तथा रिपोर्ट दर्ज कराई।
पिछले साल बड़ी बेटी पर कट्टा तान दिया था
शिक्षक ने बताया कि अगस्त 2022 की बात है। गांव के ही दो व्यक्तियों लालू पुत्र रणवीर रावत तथा दीपक रावत पुत्र मोहर सिंह, निवासी सलमपुर ने उनकी बड़े बेटी जो कि 15 वर्ष की है उस पर कट्टा तान दिया था। उसने उनकी बेटी पर उससे फोन पर बात करने का दवाब बनाया था। जब नहीं मानी तो कट्टा तान दिया। उसकी सूचना उसने तत्कालीन एसडीओपी सबलगढ़ से की थी।
अंबेडकर की प्रतिमा लगाकर 2 साल खेती नहीं करने दी
शिक्षक ने बताया कि दो वर्ष पूर्व शासकीय रास्ते को अवरुद्ध कर उपरोक्त दोनों आरोपियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया था तथा एक साल तक उनकी जमीन पर फसल नहीं होने दी थी। उसकी शिकायत उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर प्रियंका दास व SDM सबलगढ़ से की थी। बाद में कलेक्टर के आदेश के बाद उसके खेत का सीमांकन कराया गया, तब कहीं जाकर फसल उगा सका।
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