MP NEWS- किसानों के लिए साइबर पुलिस मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य एडवाइजरी

Madhya Pradesh news- advisory for farmers

राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा किसानों के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार किसानों को मंडी, सहकारी समिति या स्वसहायता समूह के नाम पर आने वाले फोन कॉल से ठगी का शिकार बनाया जा रहा है और इस प्रकार के ठगों को कैसे पहचाने, कैसे बचें। 

सबसे पहले अपराधियों के काम करने का तरीका समझें

किसानों द्वारा अपनी कृषि उपज प्रायः मंडी, सहकारी समित या स्वसहायता समूह आदि को बेची जाती हैं, जिसकी विक्रय राशि का भुगतान बाद में उनके बैंक खाते में ऑनलाइन माध्यम से जमा किया जाता है। सायबर ठग इसी सुविधा का दुरूपयोग कर किसानों को मंडी, सहकारी समित या स्वसहायता समूह आदि के नाम से फोन कॉल कर उनके अनाज की राशि खातें में शीघ्र जमा कराने, खाते का वेरिफिकेशन (सत्यापन) या अन्य किसी बहाने से ओटीपी प्राप्त कर खाते से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से राशि ट्रांसफर कर लेते हैं, इस प्रकार किसान वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हो जाते है। उनका पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है। 

BANK OTP क्या होता है

ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) प्रायः 4 से 8 अंको वाला गोपनीय सुरक्षा कोड होता है, जो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को सफल बनाने के लिए खाताधारक के मोबाइल पर प्राप्त होता है। ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी खाते से राशि के ऑनलाइन भुगतान के लिए आवश्यक होता है, खाते में राशि जमा करने के लिए ओटीपी आवश्यक नही होता है। यहां आप इस बात से पहचान सकते हैं कि बैंक की तरफ से जब ओटीपी आता है तो उसमें अंग्रेजी भाषा में स्पष्ट लिखा होता है कि, किसी राशि का पेमेंट करने के लिए ओटीपी जनरेट किया गया है। एक बात और ध्यान रखें कि बैंक कभी भी ओटीपी के माध्यम से सत्यापन नहीं करता।

साइबर ठगों से बचने के लिए किसान क्या करें

1. फोन कॉल पर किसी भी व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत / गोपनीय जानकारियां जैसे ओटीपी, पिन, पासवर्ड, एटीएम कार्ड क्रमांक, सीवीवी क्रमांक (03 अंको वाला एक सुरक्षा कोड जो एटीएम कार्ड के पीछे लिखा होता है), कार्ड समाप्ति दिनांक, जन्म दिनांक आदि किसी के साथ साझा न करें।
2. अनाज विक्रय की राशि बैंक खाते में जमा न होने या विलंब होने पर मंडी, सहकारी समित या स्वसहायता समूह के प्रतिनिधि से स्वयं मिलकर समस्या का समाधान करें।
3. अपने परिवार के सदस्यों विशेषकर बच्चों को सायबर अपराध से बचाव के प्रति जागरूक करें एवं उन्हें फोन कॉल पर ऊपर वर्णित व्यक्तिगत/गोपनीय जानकारियां किसी से भी साझा न करने की सख्त हिदायत दें।
4. यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या Toll Free नम्बर 1930 पर करें।

यह एडवाइजरी श्री योगेश देशमुख, आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा जारी की गई। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है। 

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