BHOPAL NEWS- उच्च शिक्षा मंत्रालय के पूर्व ओएसडी बर्खास्त, मृत कर्मचारी के आश्रित से रिश्वत मांगी थी

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल मंत्रालय में अनुकंपा नियुक्ति के एक मामले में ऑडियो वायरल होने के बाद ओएसडी श्री संजय जैन को सस्पेंड करके विभागीय जांच शुरू की गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर श्री संजय जैन को आज बर्खास्त कर दिया गया। 

डॉ. संजय जैन- वायरल ऑडियो के कुछ महत्वपूर्ण अंश

संजय जैन: अच्छा, अब क्या है, ये सब चीजें एडवांस में होती हैं, हमने तो सब विश्वास में तुमको कर दिया था कि चलो भाई... बाद में हो जाएगा, अब तुम अब अपने हिसाब से देख लो कैसे क्या करना है। जो भी हो जैसे भी हो सम्मानजनक हो, क्योंकि सहायक वर्ग-3 का पद है... क्योंकि क्लास 4 का देते तो तुम्हें क्लास-3 आने में कितना समय लगता। एक तो तुम्हारा प्रकरण कितना उलझा, ये भी था कि पिताजी के कारण कहो नहीं भी देते क्योंकि अभी उनका क्लियर नहीं हुआ है। वह तो मानवीय दृष्टिकोण अपना कर हमने अपने हिसाब से इसको किया है... तो सोच-समझ कर तुम देख लो।
निशांत: जी सर...जी। 

संजय जैन: हमने तो सबको 1.5 बोला था... लिया है। अब तुम उस हिसाब से लेकर आ आजो... ठीक है। कर लो, क्योंकि ये पहले होता है, नहीं तो बाद में लोग बोलते, मेरा तो हो गया अब क्या लेना-देना। ये तो विश्वास की बात रहती है... ठीक है, तो कर लो इसको... कर लो सेट?
निशांत: जी... सर। 

संजय जैन: जाते समय जब उज्जैन जाओगे तो भोपाल होते हुए ही जाओगे?
निशांत: सर, रात की ट्रेन से निकलूंगा ना... 8.50 की ट्रेन से। मम्मी भी साथ में जा रहीं ना सर। 

संजय जैन: उज्जैन में अपन मिलेंगे भी तो वहां तो सब लोग रहते हैं, तो ऐसा कौन होता है... बातचीत भर हो पाएगी। चलो तुम सेट कर लो जैसा भी हो। जिस तरीके से भी है ना। थोड़ा अभी वहां मिलोगे भी तो सबसे सामने नहीं करना... देख समझ कर। नहीं तो फिर क्या होता है, दिक्कत होती है। ठीक है... चलो... चलो।

दूसरा ऑडियो: मंत्रालय के कर्मचारी से बोले- ये सब्जी मंडी नहीं

एक अन्य ऑडियो भी वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि इसमें प्रो. डॉ. संजय जैन सुगंधा नाम के केंडिडेट पर प्रेशर बनाने के लिए उनके विजय नाम के परिचित पर दबाव बना रहे हैं।

वे कह रहे हैं कि उसको प्रॉब्लम है तो कोई दिक्कत नहीं है, रूटीन में हो जाएगा, जब होना है। उसे अगर जल्दी करवाना है तो... उसका एक साल में हो रहा है। वैसे अभी दो-दो साल वाले पड़े और बैठे हैं। उसका बाद में हो जाएगा, कोई जल्दी नहीं है।

अभ्यर्थी का परिचित बोला- सर जल्दी करवाना है।

डॉ. संजय - देखो, विजय... सुगंधा से इतनी बातें नहीं होती हैं। ये सब्जी मंडी नहीं है।
विजय - मैं समझ रहा हूं, सर। लड़की के पास जितना है, उतने में कर दीजिए।

डॉ. संजय - उतने में नहीं होगा। हां तो हां, जो लोग तैयार हैं, उन्हें पहले करवा देंगे। रिक्वेस्ट का सवाल नहीं है। मैं बालाघाट का हूं, इसलिए सोचा।

इस ऑडियो में दूसरा व्यक्ति कह रहा है मैं भी मंत्रालय में बैठता हूं, सब समझता हूं। 

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