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भारत की राजधानी दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्मचारी की पेंशन से संबंधित एक विवाद में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी की जन्म तिथि में गड़बड़ी पाई जाने पर उसे पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता।
मामला एक चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगी निर्माण श्रमिक (कंस्ट्रक्शन वर्कर) का था। विद्वान न्यायमूर्ति सुश्री प्रतिभा सिंह ने कहा कि, निर्माण कार्यों में मजदूरी करने के लिए आने वाले श्रमिक ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और पढ़े लिखे नहीं होते। इनके परिवारों में इनका सही जन्म दिनांक रिकॉर्ड सुरक्षित नहीं रखा जाता है। ऐसी स्थिति में गलती होने की संभावना है इनकार नहीं किया जा सकता। चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के दो दस्तावेजों (लेबर कार्ड और आधार कार्ड) में दर्ज जन्म दिनांक में अंतर था। विद्वान न्यायमूर्ति श्री प्रतिभा सिंह ने कहा कि, केवल इस अंतर के कारण निर्माण श्रमिक की पेंशन नहीं रोकी जा सकती।
2 दस्तावेजों में जन्मतिथि में अंतर होने के कारण उसे पेंशन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। जब तक कि यह विश्वास करने के लिए पर्याप्त आधार ना होगी पेंशन प्राप्त करने के लिए दावेदार अयोग्य है तब तक उसे पेंशन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
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