Madhya Pradesh High Court news
मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने श्री विनायक वर्मा आईपीएस को पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा के पद से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। मामला 5 साल पुराने एक वारंट का है, जो न्यायालय के आदेश अनुसार तामील नहीं कराया गया था। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बीजेपी को आदेशित किया है कि वह इस वारंट की तामील कराएं।
विनायक वर्मा आईपीएस पर वारंट तामील नहीं कराने का आरोप
बताया गया है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ओर से एक वारंट जारी किया गया था। पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को निर्देशित किया गया था कि वह इस वारंट की तामील कराएं परंतु एसपी छिंदवाड़ा के पद पर पदस्थ श्री विनायक वर्मा (भारतीय पुलिस सेवा) द्वारा वारंट तामील नहीं कराया गया बल्कि यह लिखकर वापस भेज भेज दिया गया कि पक्षकार का ट्रांसफर हो गया है इसलिए वारंट की तामील नहीं करा सकते।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री बीपी नेमा एवं श्रीमती विभा पाठक उच्च न्यायालय में प्रस्तुत हुए। बताया गया कि दिनांक 28 मार्च 2023 को एक गैर जमानती वारंट जारी किया गया था जिसे छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक द्वारा वापस लौटा दिया गया है। यह कहा गया कि, पक्षकार का ट्रांसफर हो गया है इसलिए वारंट की तामील नहीं हो सकती है।
इसी बात को लेकर हाई कोर्ट नाराज हो गया। उच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश शासन को निर्देश दिया है कि वह श्री विनायक वर्मा आईपीएस को पुलिस अधीक्षक के पद से सस्पेंड करें एवं डीजीपी को आदेशित किया है कि वह व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करें कि वारंट की तामील हो।
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