मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश चीफ जस्टिस श्री रवि मलिमथ एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने आज दिनांक 12 अप्रैल 2023 को अवमानना की एक प्रकरण में श्री विनायक वर्मा आईपीएस को छिंदवाड़ा एसपी के पद से सस्पेंड करने का आदेश दिया है। आइए पढ़ते हैं पूरा मामला जिसके कारण यह कार्रवाई हुई:-
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को बताया कि याचिका क्रमांक 19489/2017 में दिनांक 1 अगस्त 2018 को हाईवे अथॉरिटी को निर्देशित किया गया था कि याचिकाकर्ता की अधिग्रहित की गई जमीन का एसडीएम द्वारा निर्धारित मुआवजा की राशि 1 महीने के अंदर याचिकाकर्ता को अदा की जाए। यह राशि इंडियन नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा जमा कराई जानी थी परंतु नहीं कराई गई। अतः याचिकाकर्ता द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका क्रमांक 2811/2018 दाखिल की गई। इसमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री अनिल कुमार के नाम गैर जमानती वारंट जारी किया गया।
इस वारंट को छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा द्वारा वापस लौटा दिया गया एवं बताया गया कि प्रोजेक्ट मैनेजर श्री अनिल कुमार का ट्रांसफर हो गया है इसलिए वारंट की तामील नहीं की जा सकती। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वारंट पर इस प्रकार की टीम लगाकर उसे वापस करने की कार्रवाई को अनुचित माना और मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया कि वह श्री वर्मा को सस्पेंड करें। इसके साथ ही बीजेपी श्री सुधीर सक्सेना को निर्देशित किया कि वह व्यक्तिगत रूप से वारंट की तामील कराएं। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 अप्रैल 2023 निर्धारित की गई है।
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