विशाल डायनासोर क्लाइमेट चेंज के कारण मुर्गा बन गया, हां यह सही है, खुद पढ़ लीजिए - GK today

Amazing facts in Hindi about climate change 

मात्र 3 लाख साल पहले अस्तित्व में आए हम इंसान मानते हैं कि पृथ्वी हमारा ग्रह है और हम इसके स्वामी हैं परंतु वैज्ञानिक जानते हैं कि इस धरती पर सबसे लंबा शासन (16 करोड़ साल) डायनासोर ने किया है और वही वैज्ञानिक बता रहे हैं कि, क्लाइमेट चेंज कितना खतरनाक होता है। लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पहले इसी पृथ्वी ऐसा जलवायु परिवर्तन हुआ था कि हवा में उड़ने वाला विशाल डायनासोर, मुर्गा बन गया है और रोज सुबह बांग देता है। विश्वास नहीं होता तो आगे पढ़िए...

पृथ्वी पर कुल कितने प्रकार के डायनासोर थे

टीचर्स कहते हैं कि, डायनासोर सरिसृप यानि रेप्टेलिया वर्ग के थे। मुर्गी पक्षी वर्ग की है। इस हिसाब से दोनों के बीच में कोई रिश्ता नहीं है लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि 6.5 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर जो डायनासोर रहते थे, वह केवल वैसे नहीं होते थे जैसे कि जुरासिक पार्क फिल्म दिखाए गए हैं बल्कि उनकी कई प्रजातियां थी। इन्हीं में से कुछ डायनासोर हवा में उड़ सकते थे। इनकी संख्या करोड़ों में थी और अभी भी लगातार कुछ न कुछ नया मिलता जा रहा है। अब तक पृथ्वी पर 10000 से ज्यादा डायनासोर के जीवाश्म कलेक्ट किए जा चुके हैं।

मुर्गी जैसा डायनासोर- उबिराजारा जुबाटुस

सन 2020 में उत्तर पूर्वी ब्राजील (Brazil) में 11 करोड़ साल पुराने एक ऐसे डायनासोर का जीवाश्म मिला जिसका बॉडी स्ट्रक्चर मुर्गा जैसा है। उसके सिर पर मुर्गी की जैसी कलगी भी है। वैज्ञानिकों ने इसे उबिराजारा जुबाटुस (Ubirajara jubatus) नाम दिया है। हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि ना केवल शारीरिक संरचना बल्कि दोनों के डीएनए में भी काफी समानता है। 

वैज्ञानिकों का मानना है कि 6.5 करोड़ साल पहले जब पृथ्वी से विशाल एस्टेरॉइड टकराया तो पूरी पृथ्वी गर्म हो गई। इतनी गर्म हो गई कि हजारों किलोमीटर एरिया में जितने भी जानवर से सभी जिंदा, भुन गए, जैसे चिकन भुन जाता है। केवल वही जीव सरवाइव कर पाए जो बहुत छोटे थे या फिर कुछ ऐसे जो हवा में उड़ सकते थे। 

इसके बाद बहुत सारी घटनाएं हुई और फिर आसमान में धूल ही धूल छा गई। इसके कारण 1 साल तक सूरज की रोशनी धरती तक नहीं आ पाई। इसका नतीजा यह हुआ कि पृथ्वी का तापमान बहुत कम हो गया। पूरी पृथ्वी एक बर्फ का गोला बन गई। 

इस क्लाइमेट चेंज के कारण 25 किलो से ज्यादा वजन के सारे जानवर मारे गए। धरती की फूड चैन खत्म हो कई और इसके कारण कई जानवर भूखे मर गए। उड़ने वाले डायनासोर इस क्लाइमेट चेंज में जिंदा बच गए परंतु 3000 साल की लंबी प्रक्रिया में इनका साइज लगातार छोटा होता चला गया। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि आज पृथ्वी पर जो मुर्गा दिखाई देता है, वह क्लाइमेट चेंज के बाद जिंदा बची डायनासोर प्रजाति का अंतिम सदस्य है। शायद इसीलिए मुर्गा हर सुबह उठकर बांग देता है और बताता है कि, मैं इस धरती का मालिक हूं। यह पृथ्वी मेरी है।

पृथ्वी पर एक बार फिर से क्लाइमेट चेंज की प्रक्रिया शुरू हुई है। जरा सोचिए, इस बार कौन जिंदा बचेगा और किसका आकार कितना बदल जाएगा।

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