MP NEWS- नेता प्रतिपक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पढ़िए

भोपाल। मध्यप्रदेश में संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा या तो मुश्किल में फंसने वाले हैं या फिर किसी विशेष रणनीति के तहत उन्होंने मोर्चाबंदी करके पूरे विपक्ष को केवल अपने साथ लड़ने के लिए आकर्षित कर लिया है। ताजा समाचार यह है कि नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे दिया है। 

मध्यप्रदेश विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 164-165 के तहत विशेष अधिकार हनन की सूचना

डॉ. गोविन्द सिंह, नेता प्रतिपक्ष, मध्यप्रदेश विधान सभा ने प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधानसभा के नाम संबोधित सूचना पत्र (मध्यप्रदेश विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 164-165 के तहत विशेष अधिकार हनन की सूचना) में लिखा है कि, आज दिनांक 03 मार्च 2023 को सदन के अंदर कांग्रेस पक्ष के सदस्य मेरे नेतृत्व में माननीय अध्यक्ष के विरूद्ध दिये गये संकल्प पर चर्चा कराये जाने की मांग कर रहे थे। उसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए आवेश में आकर मध्यप्रदेश विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम की पुस्तिका को मेरे ऊपर निशाना साधते हुए फेंककर मारी जोकि मेरे टेबल के सामने आकर मेरे उपर गिरी। 

संसदीय कार्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा का यह आचरण असंसदीय है विधानसभा के इतिहास में नेता प्रतिपक्ष के उपर इस प्रकार का हमला किया जाना अत्यन्त अपमानजनक है। उनका यह कृत्य सदन की अवमानना के साथ ही विपक्ष के सदस्यों के साथ-साथ मेरे विशेषाधिकारों का हनन किया जाना की परिधि में आता है। अतः आपसे अनुरोध है कि श्री नरोत्तम मिश्रा, संसदीय कार्य मंत्री के उक्त कृत्य के लिए उनके विरूद्ध विशेषाधिकार हनन की सूचना देता हूँ। इस पर अविलम्ब कार्यवाही करने का कष्ट करें। 

मध्यप्रदेश विधानसभा- स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन

मध्यप्रदेश की विधानसभा में अजीब सी स्थिति बनी है। मध्य प्रदेश की राजनीति में ऐसी परंपराएं नहीं है। एक तरफ सदन में विपक्षी कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया गया है और दूसरी तरफ संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। इन दोनों ही मामलों के कारण मध्यप्रदेश के हित में ना तो कोई बहस हो पाई है और ना ही किसी समस्या के समाधान की उम्मीद जगी है। विधानसभा 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

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