Legal advice- ठगी, लूट, डकैती के अपराध में क्या अंतर है जानिए IPC 310, 390, 391

जब किसी व्यक्ति की संपत्ति को कोई व्यक्ति दोषपूर्ण तरीक़े से ले लेता है तो यह एक अपराध होता है। सामान्य भाषा में कहें तो यह चोरी, दुर्विनियोग ,आपराधिक न्यासभंग, या ठग, लूट, डकैती का अपराध हो सकता है। पिछले लेख के हमने आपको चोरी, दुर्विनियोग एवं आपराधिक न्यासभंग का अपराध कब घटित होता है सरल शब्दों में बताया था। आज हम उसी अपराध से सम्बंधित तीन समानरूप वाले अपराधों के बारे में बताएंगे।

1. ठग का अपराध (IPC की धारा 310) :-

व्यक्ति यात्रियों के मार्ग में या घरों में घुसकर हत्या कर लूटपाट करना या शिशुओं की चोरी करना ठग का अपराध होता है।

2.लूट का अपराध (IPC की धारा 390) :- 

किसी अन्य व्यक्ति से उसकी मौजूदगी में या उसकी इच्छा के विरुद्ध हिंसा का प्रयोग करके या उसे भय दिखाकर उसके कब्जे की संपत्ति को छुड़ाना लेना या प्राप्त करना लूट का अपराध होता है।

3. डकैती का अपराध (IPC की धारा 391):-

जब पाँच या पाँच से अधिक व्यक्ति संयुक्त होकर लूट करते है या लूट का प्रयास करते है तब यह डकैती का अपराध होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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