BHOPAL NEWS- सीनियर और जूनियर आईएएस के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा, एक दूसरे की पोल खोली

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सीनियर और जूनियर अधिकारियों के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। सीनियर को इस बात से चिढ़ है कि उनका जूनियर SUV से ऑफिस आता है। इसलिए सीनियर ने CR खराब कर दी। जूनियर ने भी GAD को पत्र लिखकर सीनियर की सारी पोल खोल कर रख दी। 

वीरेंद्र सिंह आईएएस की चर्चित चरित्रावली, जो गोपनीय नहीं रही

कहने को तो यह एक गोपनीय चरित्रावली है परंतु अब गोपनीय नहीं रही। दैनिक भास्कर सहित कई अखबारों में प्रकाशित हो गई है। इसे मध्य प्रदेश राजस्व मंडल के चेयरमैन श्री अश्विनी कुमार राय ने लिखा है। श्री राय ने लिखा कि, उनके अधीनस्थ अधिकारी सचिव वीरेंद्र सिंह पर्सनल एसयूवी कार से ऑफिस आते हैं। इस कार पर बड़े अक्षरों में सचिव लिखा है। इनकी गाड़ी में हूटर भी लगा है। इन्हें पद की लालसा है, इसलिए इन्हें 10 में से 2.46 ग्रेडिंग दी जाती है। 

अश्विनी कुमार राय आईएएस- क्या-क्या गड़बड़ी कर रहे हैं, सब बता दिया 

इस प्रकार की गोपनीय चरित्रावली से नाराज श्री वीरेंद्र सिंह ने सामान्य प्रशासन विभाग को एक पत्र लिखकर श्री अश्वनी कुमार राय की सारी पोल खोल डाली। श्री सिंह ने लिखा कि, कि मेरे पास कोई एसयूवी नहीं है। सरकारी खटारा कार से ऑफिस आता हूं। सीआर में काम का जिक्र न करके वाहनों का जिक्र किया है।

अश्विनी कुमार ने किसानों की फाइलें दबा रखी हैं

अश्विनी कुमार काम ही नहीं करना चाहते। किसानों के राजस्व मामलों की फाइलें दबा रखी हैं। उच्च न्यायालय में इनके खिलाफ ढेरों अवमानना और जुर्माना के मामले हैं। मैंने इन सबका विरोध किया तो मेरी सीआर बिगाड़ दी।

अश्विनी कुमार के यहां 34 बैटरियों वाला इन्वर्टर, बिल सरकारी खाते से

वीरेंद्र सिंह, उप सचिव, श्रम विभाग का कहना है कि 27 साल की नौकरी में ऐसी सीआर नहीं देखी। राजस्व मंडल अध्यक्ष के आवास में 34 बैटरियों वाला इन्वर्टर, संपूर्ण फर्नीचर, एयर कंडीशनर, बिजली का बिल भी शासकीय खर्च से भुगतान करवाया जाता है। इन्हें एक वाहन और 60 लीटर की पात्रता है, लेकिन ये दो वाहनों में 120 लीटर डीजल का भुगतान सरकारी खाते से करवाते हैं। मेरे और अश्विनी राय के कार्यकाल की शासन जांच करवाए।

पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा की प्रतिक्रिया पढ़िए

पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा का कहना है कि सीआर में तकरीबन 25 बिंदु देखे जाते हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण काम होता है। इसके साथ अधिकारी की पर्सनालिटी, उसका जनता के लिए किया गया काम, टीम वर्क आदि को देखा जाता है, लेकिन किसी सीआर में केवल वाहन को आधार बनाकर अंक देना या अधिकारी के व्यवहार को डिसाइड करना उचित नहीं कहा जा सकता है। 

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