TRC MP NEWS- शिक्षक भर्ती वर्ग 1 सेकंड काउंसलिंग के नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

जबलपुर
। उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया सेकंड काउंसलिंग के नियमों के खिलाफ मेरिट वाले कैंडिडेट्स ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर दी है। उनका कहना है कि लोक शिक्षण संचालनालय को किसने यह अधिकार दे दिया कि वह उनके सामने विकल्प सीमित कर दें। 

लोक शिक्षण संचालनालय के नियमों से नाराज उम्मीदवारों का कहना है कि, यदि हम जनजातीय कार्य विभाग के स्कूल में काम नहीं करना चाहते और लोक शिक्षण संचालनालय के स्कूल में करना चाहते हैं तो यह हमारी स्वतंत्रता है। हमने एग्जाम क्वालीफाई किया है। डीपीआई के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है, जो वह मेरिट वालों को उनकी मर्जी की नौकरी प्राप्त करने से रोकता हो। 

उम्मीदवारों का कहना है कि, माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा Appeal (Civil) 1313/2008 (K.Manjushree vs State of A.P. & Anr) में दिए गए निर्णय में स्पष्ट मार्गदर्शन दिया गया है कि एक बार चयन प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पश्चात नियमों को बदलकर किसी भी अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता। इस सम्बन्ध में माननीय न्यायलय के निर्णय क्र पैराग्राफ क्रमांक 28 में स्पष्ट लेख है कि “the rules of the game, meaning thereby, that the criteria for selection cannot be altered by the authorities concerned in the middle or after the process of selection has commenced.”

कैंडिडेट्स का कहना है कि चयन सूची का जारी होना एक बात है और ज्वाइन करना दूसरी बात। एक योग्य उम्मीदवार कई परीक्षाओं के पास कर सकता है। विभिन्न विभागों की चयन सूची में उसका नाम हो सकता है। ऐसा कोई नियम नहीं बनाया जा सकता जिसमें यह निर्धारित किया जाए कि यदि किसी व्यक्ति का नाम किसी एक विभाग की चयन सूची में आ गया है तो दूसरा विभाग अपनी चयन सूची में उसका नाम शामिल नहीं करेगा। 

कैंडीडेट्स का कहना है कि जनजातीय कार्य विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय दोनों का अस्तित्व अलग-अलग है। यदि हम में से कोई एक विभाग में काम नहीं करना चाहता तो उसे दूसरे विभाग में काम करने का मौका मिलना चाहिए। 

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