इंदौर। स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को आयकर अधिनियम की धारा 276-C-1 के तहत दोषी पाए गए 4 व्यापारियों को 6-6 महीने जेल की सजा सुनाई है। सभी रियल एस्टेट कंपनी चंद्रप्रभु होम्स के डायरेक्टर हैं। इनके नाम सरदारमल जैन, योगेश जैन, रमेश जैन और जीनेश जैन बताए गए हैं।
आयकर विभाग ने पहले पेनल्टी लगाई फिर प्रकरण दर्ज कर लिया
आयकर विभाग की ओर से न्यायालय को बताया गया कि, आरोपितों ने 2006-2007 में अपनी कंपनी का झूठा रिटर्न दाखिल किया था। इसके बाद आयकर विभाग ने स्क्रूटनी में गड़बड़ी पकड़ते हुए इन पर 2 लाख 7 हजार 338 रुपये के टैक्स के साथ ही साढ़े तीन लाख रुपये की पेनाल्टी भी लगाने का आदेश जारी किया था। बाद में चारों आरोपितों के खिलाफ टैक्स चोरी और झूठा रिटर्न दाखिल करने को लेकर आयकर विभाग ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए कोर्ट में मामला पेश किया था।
जुर्माना अदा करने के बाद भी व्यापारियों को राहत नहीं मिली
2019 में निचली कोर्ट ने आरोपितों को छह महीने की सजा सुनाई थी। इस पर जमानत लेते हुए आरोपितों ने सत्र न्यायालय में अपील कर दी थी। विशेष कोर्ट ने इस अपील पर निर्णय सुनाते हुए आरोपितों को दोषी माना और छह-छह महीने की सजा के साथ पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना चुकाने का आदेश भी दिया। आरोपित आयकर विभाग में टैक्स और पेनाल्टी की राशि जमा कर चुके थे। हालांकि, इससे उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। टैक्स चोरी के अपराध में उन्हें कोर्ट ने दोषी करार दिया है।
इंदौर के व्यापारिक इतिहास का पहला मामला
कोर्ट ने आरोपितों को जेल भेजने का आदेश भी दे दिया। मामले में आयकर विभाग की ओर से पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट अजय काकाणी ने बताया कि गलत रिटर्न दाखिल करने और आय छुपाने पर कारावास की सजा देने का अपने आप में इंदौर क्षेत्र में यह पहला मामला बताया जा रहा है। इससे पहले इस कंपनी के खिलाफ इंदौर के तेजाजीनगर थाने में 2021 में ठगी का प्रकरण भी दर्ज हो चुका है।
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