जैसा कि आपने पिछले आर्टिकल से जाना की किस प्रकार समतापी और असमतापी जीव- जंतु एवं पेड़- पौधे अपने आपको बदलते हुए वातावरण से बचाते है (समतापी और असमतापी)। आज जानते हैं कि ये जीव अपने आपको विषम परिस्थितियों या प्रतिकूल पर्यावरण (Extreme Conditions or Unfavorable Conditions) से बचाने के लिए कौन -कौन से तरीके अपनाते हैं।
प्रवासन (Migration)
माइग्रेशन का एग्जाम्पल आपने पिछले आर्टिकल देखा कि किस तरह साइबेरियन क्रेन हर साल अपने आपको बहुत ज्यादा सर्दी से बचाने के लिए भारत में राजस्थान (भरतपुर) में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में आ जाती है। चूँकि साइबेरियन क्रेन अपने एक्स्ट्रीम कंडीशन से लड़ नहीं सकते, ये डरपोक होती है और भागकर उस विषम परिस्थिति के गुजर जाने पर साइबेरिया और नॉर्थ कन्ट्रीज में वापस चली जाती है।
निलंबन(Suspension)- Hibernation, Aestivation & Diapose in Animals
यह ठीक वैसे ही है जैसे जब हम बहुत ज्यादा सर्दी या बहुत ज्यादा गर्मी से अपने आप को बचाने के लिए कई तरीके के इंतज़ाम जैसे- हीटर, एयरकंडीशनर, कूलर, पंखा आदि का इस्तेमाल करते हैं। इसी तरह कई तरीके के जीव -जंतु,पेड़- पौधे भी अपने आप को बाहरी वातावरण से बचाने के लिए कई तरीके के इंतजाम करते हैं। जैसे कोई शीतनिष्क्रियता(Hibernation) में चला जाता है जैसे भालू(Beer), तो कोई ग्रीष्मनिष्क्रियता(Aestivation)में चले जाता है जैसे मछलियाँ और स्नेल (fishes & snails) जबकि झीलों और तालाबों में प्राणीप्लवक (Zooplankton) डायपोज़ (Diapose)में चले जाते हैं।
Spores, Seeds & Dormancy in plants
जबकि कुछ निम्न श्रेणी के पेड़- पौधे, बैक्टीरिया, फंजाई अपने बीजाणु(Spores) बना लेते हैं।उच्च श्रेणी के पेड़ -पौधे, बीज(Seed) बनाते हैं। बीज को जब तक अंकुरित होकर नया पौधा बनाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं मिलती तब तक प्रसुप्ति(Dormancy) में पड़ा रहता है।
इन सभी क्रियाओं का मुख्य उद्देश्य अपने एनर्जी लॉस को कम करना होता है और अपनी जाति को बनाए रखने के लिए ये करना जरूरी होता है।चूँकि ये जीव -जंतु एवं पेड़ -पौधे कहीं भाग नहीं सकते इसलिए उन्हें वही डटकर वातावरण की विषम परिस्थितियों का सामना करना होता है इसलिए ये अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए ये सभी तरीके अपनाते हैं।
यानी कि माइग्रेशन करने वाले डरपोक होते हैं और निलंबन करने वाले बहादुर होते हैं।