समतापी और असमतापी, Homeothermic and Poikilothermic - 12th NCERT

Bhopal Samachar
क्या आप जानते हैं की राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo Ghana National Park) पुराना नाम (भरतपुर बर्ड सेंचुरी) में हर साल साइबेरिया और नॉर्थ कंट्री से आने वाली साइबेरियन क्रेन (Sibarian Crane) एक डरपोक पक्षी है जो कि अपने आपको अत्यधिक ठंड से बचने के लिए भारत के राजस्थान में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में माइग्रेट होकर आते हैं। 

जबकि अत्यधिक ठंड या गर्मी से बचने के लिए हाइबरनेशन (Hibernation), एस्टीवेशन (Aestivation) और डायपॉज (Diapose) में जाने वाले जीव -जंतु बहादुर होते हैं। यहाँ तक कि स्पोर और सीड्स बनाने वाले पौधे भी बहादुर होते हैं। तो चलिए इस सबके पीछे का कारण जानने की कोशिश करते हैं। 

The Abiotic Factor-Temprature

तो इस सबके पीछे एक महत्वपूर्ण अजैविक कारक है, तापमान, तापमान में अंतर के कारण ही पृथ्वी पर अलग-अलग स्थानों पर अलग -अलग प्रकार के पेड़- पौधे एवं जीव जंतु पाए जाते हैं। किसी पेड़ पौधे एवं जीव जंतु को अधिक तापमान की आवश्यकता होती है तो किसी को कम। हमारी पृथ्वी पर स्थित काल्पनिक रेखाओं, भूमध्य रेखा या  विषुवत् रेखा (Equator) जो कि जीरो डिग्री पर स्थित है। यहाँ का तापमान अधिक होता है और यहाँ पर जैवविविधता (Biodiversity) भी सबसे अधिक होती है, जबकि जैसे जैसे हम ध्रुवों की ओर जाते- जाते हैं, तापमान और जैवविविधता दोनों कम होती जाती है। 
विशेष नोट- पृथ्वी मैं ऊपर- नीचे कुछ नहीं होता,अध्ययन की सुविधा के लिए ऊपर -नीचे कहा जाता है। 


तापमान के आधार पर दो प्रकार के जीव पाए जाते हैं- होमियोथर्मिक (Warm Blooded) एंड पोईकिलोथर्मिक (Cold Blooded) 
1.समतापी (Homeothermic or Warm Blooded) - ये ऐसे जीव- जंतु होते हैं जो बदलते हुए वातावरण के अनुसार अपने बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन कर लेते हैं। इन्हें थर्मोरेगुलेटर (Thermoregulator) भी कहा जाता है। जैसे- पक्षी(Birds), स्तनधारी (Mammals), कुछ कशेरुकी (Some Vertebrates), निम्न श्रेणी के अकशेरुकी (Lower Invertebrates)

2.असमतापी (poikiolothermic or Cold Blooded)- ये ऐसे जीव जंतु होते हैं जो बदलते वातावरण के अनुसार अपने बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन नहीं कर पाते। इन्हें थर्मोकन्फर्ममर्स भी कहा जाता है। जैसे - मछलियाँ(Fishes), उभयचर(Amphibians), सरीसृप(Reptiles)और सभी पेड़ -पौधे(All plants) 

तो अब हम कह सकते हैं कि जो जीव-जंतु अपने बॉडी टेम्परेचर को मेंटेन कर लेते हैं उन्हें ऑस्मोरेग्युलेटर (Osmo regulator) भी कहा जाता है और जो जीव-जंतु, पेड़ पौधे, अपने शरीर को टेंपरेचर मेंटेन नहीं कर पाते उन्हें ऑस्मोकन्फर्ममर्स (Osmo conformers) कहा जाता है। क्योंकि अपने शरीर का टेंपरेचर मेंटेन करने के लिए इन्हें अपने शरीर के अंदर कुछ परिवर्तन लाने पड़ते हैं। 

और ये सभी परिवर्तन सम्मिलित रूप से समस्थापन (Homeostasis) कहलाते हैं। अब कौन से जीव डरकर भाग जाते है यानी प्रवास (Migrate) कर लेते हैं और कौन से बहादुर होते हैं यानी निलंबित (Suspand) अवस्था में पड़े रहते हैं? ये जानने के लिए "Wait For the Next" 

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