BHOPAL NEWS- भारत के 215 बेहतरीन घोड़े भोपाल में, कीमत 10 से 90 लाख तक

भोपाल
। जो लोग वन्य प्राणियों के बारे में जानना चाहते हैं। जो लोग घोड़ों की नस्ल और उनकी विशेष बातों के बारे में जानना चाहते हैं। जो भारत के बेहतरीन घोड़ों को नजदीक से देखना चाहते हैं। उनके लिए यही सही समय है। भोपाल में देशभर के 215 बेहतरीन घोड़े आ गए हैं। 12 दिसंबर से नेशनल जूनियर घुड़सवारी टूर्नामेंट शुरू हो रहा है। बताने की जरूरत नहीं कि कितना रोमांचकारी होगा। 

भोपाल में 10 से 90 लाख तक के घोड़े

भोपाल में आए 215 घोड़े, बारात में दूल्हे को ले जाने वाले घोड़े नहीं है बल्कि इनकी नस्ल और खास बातें इन्हें स्पेशल बनाती है। इन घोड़ों की कीमत 10 लाख से लेकर 90 लाख रुपए तक है। टूर्नामेंट 25 एकड़ में फैली मप्र घुड़सवारी अकादमी में होने जा रहा है। इनके लिए अस्थायी अस्तबल(टेंट सिटी) बनाए हैं।

सबसे महंगे घोड़े का नाम क्रिस्टी, मूल्य 90 लाख

भाेपाल में सबसे कीमती घाेड़ा 90 लाख रुपए का है। यह घाेड़ा मध्यप्रदेश की सुदीप्ति हजेला का है। उनके पास तीन घाेड़े हैं, जाे इस समय भाेपाल में ही हैं और इस टूर्नामेंट में शामिल होने जा रहे हैं। दाे अन्य घाेड़े भी 40-40 लाख रुपए के हैं। सुदीप्ति फ्रांस में रहकर ट्रेनिंग कर रही हैं।

भोपाल में 215 कहां-कहां से आए- काेयम्बटूर, पुड्डुचेरी, जयपुर, मैसूर, बेंगलुरू, दिल्ली, सागर, हैदराबाद, लखनऊ।
कुल 75 मेडल- टूर्नामेंट में चार इवेंट में कुल 75 मेडल हैं, जिनमें 25 गाेल्ड, इतने ही सिल्वर और ब्रॉन्ज।

हर इवेंट के अलग-अलग घाेड़े

टूर्नामेंट में होने वाले चारों इवेंट के अलग-अलग घाेड़े हाेंगे। पहले ड्रेसाज हाेगी। फिर शाे जंपिंग के मुकाबले हाेंगे। उसके बाद टेंट पैंगिंग और अंत में क्राॅसकंट्री। एक्सपर्ट बताते हैं कि चारों इवेंट के घाेड़े अलग-अलग हाेंगे। सभी काे इवेंट के हिसाब से ट्रेंड किया गया है। इसमें कई ऊंचे और लंबे घाेड़े हैं, जाे क्रॉसकंट्री और शाे जंपिंग के हैं, जबकि ड्रेसाज और टेंट पैंगिंग अमूमन कम हाइट के होते हैं।

मप्र अकादमी के पास 32 हॉर्स

मप्र शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित घुड़सवारी अकादमी में 32 हॉर्स हैं। अकादमी में भी एक घाेड़ा 63 लाख रुपए का है, जाे जर्मनी से खरीदा गया था, जबकि आयरलैंड से खरीदे गए दो घोड़े क्रमश: 50 और 40 रु. लाख के हैं। यह तीनों फिलहाल आयरलैंड में ही हैं, जहां अकादमी के घुड़सवार भोलू परमार ट्रेनिंग के साथ-साथ तीनों घाेड़ाें की देखरेख कर रहे हैं।

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