भोपाल। मध्य प्रदेश के पन्ना, सतना एवं सीहोर जिले में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त द्वारा छापामार कार्रवाई करते हुए 2 इंजीनियरों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने का दावा किया है। तीसरी कार्रवाई में तहसीलदार के रीडर ने रिश्वत ली और लोकायुक्त की टीम को देखते ही तहसील ऑफिस की दीवार फांद कर फरार हो गया। 12 लोगों की टीम बाबू को पकड़ नहीं पाई।
पीडब्ल्यूडी ऑफिस पन्ना में ₹700000 की रिश्वतखोरी पकड़ी
पन्ना जिले में विशेष पुलिस स्थापना सागर लोकायुक्त ने भरत मिलन पांडे निवासी वार्ड नंबर-15 माधवगंज अजयगढ़ की शिकायत पर कार्रवाई की। लोकायुक्त ने मनोज रिछारिया उप यंत्री निवासी किशोरी जी मंदिर टिकरया मोहल्ला को गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त ने कार्यालय कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग पन्ना से मनोज रिछारिया को 7 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। यह रिश्वत की राशि रोड़ निर्माण का मूल्यांकन और बकाया बिलों के भुगतान की एवज में ली जा रही थी। इस कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक राजेश खेड़े, निरीक्षक केपीएस बेन और विपुस्था स्टॉफ शामिल रहे।
मैहर में तहसीलदार का रीडर रिश्वत लेकर फरार, लोकायुक्त टीम पकड़ नहीं पाई
शिकायतकर्ता नारायण सोनी सोनवारी का निवासी है, जो दुकानदार है। आरोपी विनोद कुमार गुप्ता सहायक ग्रेड-2 रीडर तहसीलदार मैहर में तैनात है। आरोपी ने प्लाट के नामांतरण की एवज में रिश्वत मांगी थी। आरोपी विनोद कुमार सोनी ने शिकायतकर्ता से ₹1500 रिश्वत के लिए और लोकायुक्त की टीम को देखते ही तहसील ऑफिस की दीवार फांद कर फरार हो गया। निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार, ट्रैप दल के सदस्य उप पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, सुरेश कुमार, पवन पांडे, आरक्षक धर्मेंद्र जायसवाल, सुजीत कुमार, लवलेश पांडे और शिवेंद्र मिश्रा सहित 12 सदस्यीय टीम ने घेराबंदी की थी परंतु पकड़ नहीं पाए।
रिश्वतखोर रीडर भले ही भाग गया परंतु मामला दर्ज कर लिया है: एसपी लोकायुक्त
एसपी लोकायुक्त गोपाल धाकड़ का कहना है कि आरोपी भले ही भाग निकला, लेकिन उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। लोकायुक्त के पास सभी सबूत- गवाह हैं। रीडर के खिलाफ भागने के मामले में एक और धारा बढ़ाई गई है। मैहर तहसील में रीडर के तौर पर पदस्थ रहा विनोद गुप्ता इससे पहले मझगवां तहसील में भी लोकायुक्त के हत्थे चढ़ चुका है। वर्ष 2018 में लोकायुक्त ने विनोद गुप्ता एवं अभयराज सिंह को मझगवां तहसील में पकड़ा था।
बिजली कंपनी का असिस्टेंट इंजीनियर दूसरी बार में रिश्वत लेते पकड़ा गया
भोपाल लोकायुक्त ने मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री कैलाश चौधरी को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सहायक यंत्री किसानों के खेत में ट्रांसफार्मर लगाने के बदले रिश्वत मांग रहा था। निशातपुरा निवासी ओमप्रकाश चढ़ार ने शिकायत की थी। 28 अक्टूबर को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण पंजीबद्ध कर ट्रैप कार्यवाही की गई, लेकिन विफल हो गई थी। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि बुधवार को फिर से ट्रैप लगाया गया। इस बार आरोपी कर्मचारी कैलाश चौधरी अपने सरकारी निवास पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।