दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 284 के अधीन ऐसे साक्षियों की परीक्षा के लिए एक कमीशन भेजा जाता है जो व्यक्ति अन्य क्षेत्र में है या साक्षी परीक्षा में आने में लेट हो सकता है। या राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, या राज्यक्षेत्र के प्रशासक की परीक्षा करवानी है तब। जब उक्त कार्यवाही पूरी हो जाती है तब न्यायालय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 288 के अधीन कार्यवाही करेगा जानिए।
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 288 की परिभाषा
जब कोई कार्यवाही धारा 284 के अंतर्गत साक्षियों के अभिसाक्ष्य पूरे हो गए हैं तब वे सभी साक्ष्य एक अभिलेख का भाग होंगे।
अगर कमीशन को साक्षी नहीं मिलता है या मर गया है या भाग गया है या प्रतिपक्षी द्वारा भगा दिया गया है, तब साक्ष्य अभिलेख नहीं होगा एवं कमीशन न्यायालय के समक्ष स्पष्ट जबाब देगा। कोई साक्षी द्वारा पुनः साक्ष्य लिया जा चुका है कमीशन के समक्ष, तो वह साक्ष्य अभिलेख का भाग होगा।
उपर्युक्त कार्यवाही पूर्ण होने के बाद न्यायालय द्वारा भेज गया कमीशन न्यायालय में वापस भेज दिया जाता है एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 289 के अंतर्गत कार्यवाही को स्थगन का स्थगित कर दी जाती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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