MP NEWS- दमोह में कुर्मी समाज का कमर्शियल कंस्ट्रक्शन अवैध, 1 महीने में तोड़ दिया जाएगा

जबलपुर
। एक जनहित याचिका के दौरान मध्यप्रदेश शासन की ओर से उपस्थित हुए वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि दमोह में सार्वजनिक पार्क के लिए आरक्षित भूमि पर कुर्मी समाज द्वारा किया जा रहा कमर्शियल कंस्ट्रक्शन अवैध है और 1 महीने के भीतर उसे तोड़ दिया जाएगा।

पहले कलेक्टर ने पार्क के लिए आरक्षित किया

जनहित याचिकाकर्ता दमोह निवासी सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार अनुराग हजारी की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि दमोह में सागर नाका क्षेत्र हिरदेपुर में पार्क लिए जो भूमि आरक्षित की गई थी, उस पर इन दिनों व्यावसायिक निर्माण जारी है। यह भूमि राजस्व विभाग के नाम दर्ज थी। इस पर सार्वजनिक हित का बड़ा पार्क व लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति स्थापित करने की योजना थी। इस सिलसिले में संबंधित ग्राम पंचायत को विधिवत प्रस्ताव दिया गया था। कलेक्टर ने प्रस्ताव को गंभीरता से लेकर पूर्व में पार्क व मूर्ति स्थापना की स्वीकृति भी दे दी थी। 

फिर कलेक्टर ने ट्रस्ट को सौंप दिया

इसके बाद कलेक्टर दमोह ने मनमानी करते हुए वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए बिना वही भूमि अवैधानिक रूप से एक निजी ट्रस्ट को सौंप दी। इसके बाद कुर्मी समाज का ट्रस्ट उस भूमि पर दुकानों का निर्माण करने लगा। इसके लिए किसी विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण ट्रस्ट बिना किसी भय के व्यावसायिक निर्माण में संलग्न है। इससे सार्वजनिक हित बाधित हो रहा है।

पत्रकार अनुराग हजारी की याचिका का असर

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता ने भरोसा दिलाया कि चार सप्ताह की समय-सीमा के भीतर पार्क के लिए आरक्षित भूमि में व्यावसायिक निर्माण के विरुद्ध ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। मुख्य न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस अभिवचन (अंडरटेकिंग) को रिकार्ड पर लेकर दिशा-निर्देश सहित जनहित याचिका का पटाक्षेप कर दिया।

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